हिंदी फिल्म शोले का ये डायलॉग आज भी हर सिनेप्रेमी के जेहन में कहीं न कहीं बसा होगा। आज कोरोना काल में बन रही परिस्थितियों ने बरबस उस सिनेमाई सीन और डायलॉग की यादों को ताज़ा कर दिया है। अगर आज की परिस्थितियों के हिसाब से उस सीन को पुनर्जीवित किया जाये तो शायद गब्बर ये कहता सुनाई देगा कि ” देश- दुनियां में जब भी कोई घर से निकलता है तो माँ कहती है, घर में रह जा बेटा वरना कोरोना आ जायेगा” । स्वाभाविक है कि ऊपर की लाइनें पढ़ते वक्त आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई होगी लेकिन जब ये सोचेंगे कि किस परिप्रेक्ष्य में ये उदाहरण दिया गया है तो शायद मुस्कुराहट का स्थान चिंता की लकीरें ले लेंगी।
जिस खौफनाक तेज़ी के साथ कोरोना पूरी दुनिया में इंसानों को अपनी ज़द में करता जा रहा है, इंसानियत का वज़ूद ही खतरे नें नज़र आने लगा है। वैज्ञानिकों ने अंदाज़ा लगाया था कि जुलाई के आखिरी हफ्ते में भारत में कोरोना संक्रमित 10 लाख के पार होंगे लेकिन उससे हफ्ते भर पहले ही कोरोना ने ये करिश्मा कर दिखाया, अब तो अंदेशा है कि कोरोना ने यही रफ्तार बरकरार रखी तो साल के आखिर तक देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 3 करोड़ को पार कर जाएगी।
आज लगातार दूसरे दिन देश में लगभग 35 हज़ार(34884) संक्रमित मिले हैं जो नया एक दिनी रिकॉर्ड है और कुल संख्या 1038716 हो गई है, वहीं रिकॉर्ड 671( कुल 26273) संक्रमित कोरोना से ज़िन्दगी की जंग हार गए।
✍️राजीव बिरथरे.. बरुआसागर