नागपंचमी पर जानते है बुंदेलखंड के ललितपुर के जंगल में बसे नागलोक की कहानी तो चलिए अनोखी यात्रा पर ललितपुर से 48 किलोमीटर दूर बालाबेहट के जंगलों में एक नाग देवताओ का स्थान है जिसे करीब 4 वर्ष पूर्व परमार्थ संस्था के कीनतराम आघोरियाचारी को एक स्वप्न के माध्यम से नागदेवताओं ने अपने स्थान के बारे में उन्हें बताया था फिर उन्होंने अपने शिष्यों को भेजा और उन्होंने इस स्थान को खोजकर एक मंदिर का निर्माण गांव वालों के साथ मिलकर कियाऔर प्रत्येक नाग पंचमी को वहां पर भंडारा करते हैं।
कथाओं में नागों के कई तरह के किस्से और उनके रूपों के बारें में आपने भी सुना या पढा होगा।इतना ही नहीं रामायण सहित महाभारत में भी नागलोक का जिक्र आता है, एक ओर जहां रावण की पुत्र वधु नागपुत्री थी वहीं महाभारत में भीम को मारने के लिए दुर्योधन ने दिया विष, शकुनि के प्रोत्साहित करने के बाद दुर्योधन ने एक बार भीम को जहर देकर मारने की योजना बनाई। इसके लिए दुर्योधन ने पूरा एक षड्यंत्र रचा। दुर्योधन सभी पांडवों को जल विहार में आनंद करने के लिए बुलाया इसके लिए दुर्याेधन ने गंगा नदी के किनारे सभी लोगों के रहने रूकने और खाने पीने के लिए विशेष इंतजाम कराए. भीम को मारने के लिए दुर्याेधन ने उदयनक्रीडन नाम का स्थल विशेष तौर पर विकसित कराया जिसमें पांडवों के लिए हर सुविधा की व्यवस्था की गई। दुर्योधन के आग्रह करने पर सभी पांडव यहां पर पहुंचे. भीम के लिए दुर्योधन ने विशेष पकवान बनवाए लेकिन इसमें उसने कालकूट नाम का खतरनाक विष मिला दिया. इस विष के सेवन से भीम बेहोश हो गए. दुर्योधन ने भीम को रस्सियों से बांधकर गंगा नदी में धकेल देता है,भीम पर सांपों ने बोला हमला,भीम बेहोशी की हालत में पाताल लोक जिसे नागलोक भी कहा जाता है वहां पर पहुंच गए। बेहोशी के हालत में भीम पर नागों ने हमला बोल दिया। सांपों के डसने के कारण भीम का जहर कम होने लगा। सांपों के डसने के कारण भीम का पूरा जहर उतर गया और वे होश में आ गए। होश में आते ही भीम को नागलोक के राजा वासुकी के सामने पेश किया गया।जहां पर वासुकी के साथी सर्प आर्यक ने भीम को पहचान लिया। आर्यक भीम के नाना के नाना थे।नाग राजा वासुकी को जब यह बात पता चलती है तो वो बहुत प्रसन्न होते हैं और भीम को उपहार देने का आदेश देते हैं। इस तरह से भीम को प्राप्त हुई हजारों हाथियों की शक्ति वासुकी के उपहार देने के आदेश पर आर्यक कहते हैं कि महाराज ये धन और रत्न लेकर क्या करेंगे आपका आदेश हो तो जो विष भीम के शरीर में शेष रह गया उसे पीनें की आज्ञा दें ऐसा करने से भीम के भीतर हजारों हाथियों का बल आ जाएगा। वासुकी आर्यक को जहर पीने की आज्ञा देते हैं।इसके बाद भीम शक्तिशाली बन जाते हैं।वहीं नागों का भगवान शिव और गणेश जी से भी गहरा संबंध साफतौर पर हिन्दू धर्म में दिखाई देता है।
इस सब बातों के बीच हर किसी को नाग कहां रहते हैं या क्या और क्यों करते हैं, इस बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा होती है।परंतु क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में मुख्यालय से करीब 46 किलोमीटर दूर बालाबेहट के जंगलो में एक स्थान है जिसे स्थानीय लोग नाग देवता का मढ कहते है।किवदंतियों को अगर सत्य माना जाएं तो यह स्थान अपने आप में काफी रहस्य समेटे हुए है, जो पृथ्वी से लेकर नागलोक तक की कहानियां बयाँ करता है बस शर्त छोटी सी है कि यहाँ डरना मना है । इस नागलोक के पास 8 वीं और 9 वीं सदी के भग्नावेश मिलते है और इसका सम्बन्ध नाग भट्ट सम्राज्य के राजाओं से है जो नागो के राजा शेषनाग से सम्बन्ध रखते है इसके आस पास बहुत सारी सर्पो की बांबी देखने को मिलती है और यहां के चरवाहे बताते है कि जंगल में एक प्राचीन बस्ती भी है लेकिन यहां कौन लोग रहते थे इसका कोई पता नहीं है।
✍️एड.पुष्पेन्द्र सिंह चौहान