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भरतपुर – बेरहम पत्नी :- पति की हत्या कर लाश बेड में छिपाई, उसी बेड पर बैठकर खीर पूड़ी खाई

Written by :- vipin vishwakarma

पति की नृशंस हत्या कर लाश गायब करने वाली पत्नी बड़े आराम से ससुराल में ही रहती रही, लेकिन किसी को शक नहीं हुआ। जी हाँ आज हम आपके सामने एक नए हत्या कांड को लेकर बात कर रहे हैं बता दे की भरतपुर के चिकसाना में एक पत्नी ने अपने पति की हत्या अपने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी,बात ये थी की पति को पत्नी और प्रेमी के अफेयर के बारे में पता चल गया था जिसके बाद दोनों ने मिलकर पति की हत्या कर बेड के नीचे उसकी लाश छुपा दी, बता दे की थाना इलाके के नोंह गांव में पवन मर्डर केस में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। पवन की बहन अंजना ने बताया कि 29 मई को रीमा ने प्रेमी भागेंद्र के साथ मिलकर अपने पति पवन का मर्डर कर डेडबॉडी को बेड में छुपा दिया था। इसके दूसरे दिन उसने 30 मई को उसने पति के लिए वट सावित्री का व्रत किया। लेकिन उसने भनक तक नहीं लगने दी की रात में उसने अपने उसी पति का खून कर दिया जिसके लिए वो ये व्रत रखे हुए है , पवन की बहन अंजना ने बताया कि रीमा ने उसी बेड पर बैठकर व्रत खोला जिसमें पति की लाश छुपा रखी थी। अंजना ने ये भी कहा कि रीमा दिन भर टीवी पर क्राइम पेट्रोल सीरियल देखा करती थी। वह अपने कमरे में किसी को भी घुसने नहीं देती थी, कमरे से बाहर जाती तो ताला लगाकर जाती थी। बच्चे अम्मा बाबा के पास ही रहते थे।

अंजना ने कहा कि 29 मई को रीमा ने प्रेमी भोला (भागेंद्र) के साथ मिलकर भाई को मार दिया और उसकी बॉडी को बेड में छुपा दिया। दूसरे दिन 30 मई को वट सावित्री व्रत था। उसने पूरे विधि विधान के साथ पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखा। उसने बिल्कुल आभास नहीं होने दिया कि रात ही में उसने मर्डर किया है और लाश को कमरे में छुपा रखा है। पवन के पिता हरिप्रसाद ने बताया कि दूसरी रात उसने भोला को फोन कर बुलाया और लाश को बेड से निकाल कर नहर में फिंकवा दिया। अंजना ने बताया कि मर्डर के बाद भी उसमें शंका, झिझक या शर्म जैसा कुछ नहीं था। जब भी मां और हम भाई की बात करते तो रीमा उठकर वहां से चली जाती थी। उसने करवा चौथ का व्रत भी किया था। नई साड़ी पहनी थी। हर साल की तरह व्रत का पालन किया।


अंजना ने बताया कि दो-तीन महीने बाद पवन के पिता को उसके चाल चलन पर पिता को शक हो गया। जिसके बाद उन्होंने रीमा का फोन रख लिया। जिसमें भोला के साथ उसके गंदे मैसेज मिले। उससे ही शक हुआ। मैंने कभी रीमा पर शक नहीं किया था। भाई के जाने के बाद मां से कहा था कि रीमा और इसके बच्चों को कभी दुख मत देना। अंजना का कहना है कि रीमा को फोन पापा के पास ही है। आज भी उसमें रीमा के खिलाफ सबूत हैं। पता नहीं रीमा के पास दूसरा फोन कहां से आ गया था वहीँ पवन के पिता हरिप्रसाद ने भी बताया कि पवन के मर्डर के बाद रीमा पूरे परिवार को गुमराह करती रही। उसे भोला के साथ देखा तो कमरे में बंद कर दिया था। फिर उसका मोबाइल ले लिया तो वह खूब रोई थी। तीन दिन तक रोती रही। बोली- मेरा फोन दे दो। मैंने उसका फोन नहीं दिया। हरिप्रसाद ने कहा कि मौत के कुछ महीने बाद तक रीमा ने व्रत त्योहार सब किए। महसूस नहीं होने दिया कि इतनी बड़ी बात हो गई है। पवन की मां रोती रहती थी लेकिन उसकी आंख से एक आंसू नहीं गिरा। वह सामान्य रही। फोन रख लिया तो 3 दिन तक रोई। खाना भी नहीं खाया हरिप्रसाद ने कहा कि वट सावित्री वाले दिन उसने खीर पुड़ी बनाई थी। पूरे परिवार को खाना खिलाया और खुद ने अपने बेड पर बैठकर खाना खाया। उसी बेड में मेरे बेटे की लाश छुपाकर रखी थी। उसने लाश को दूसरे दिन रात में कब नहर में फिंकवाया इसका पता नहीं चला। कोई आवाज हम लोगों को नहीं आई। मोबाइल से शक यकीन में बदल गया कि इसी ने पवन की हत्या की है। फिर पुलिस को सूचना दे दी।

24 घंटे रखा पवन का शव घर में


पवन की हत्या के आरोपी उसकी पत्नी रीमा, उसका प्रेमी भागेंद्र और शव को छुपाने में मदद करने वाला भालेंद्र का दोस्त दीप पुलिस गिरफ्त में हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मर्डर के बाद भालेंद्र दिल्ली गया और अपने दोस्त दीप को लेकर नोंह आया। दोनों ने मिलकर शव को नहर में फेंका। 4 जून को हरिप्रसाद ने चिकसाना थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था।

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