खबर

मकर संक्रांति पे बुंदेलखंड में भओ तो एक जलियावाला कांड

बुन्देलीभाषा में*
*बुंदेलखंड का जलिया बाला बाग*
        *चरण पादुका सिंहपुर*फोटो
   *14 जनवरी पर भूलीं बिसरीं यादें*
  शोध एबं आलेख – इंजी• सी बी त्रिपाठी
                *दोहा*
*चौदह जनबरी सन ,उन्नीस सौ इक्कतीस*।
*चरण पादुका में हुये,बीर सपूत शहीद* ।।
*अंग्रेजी जनरल फिशर,भारी धोखे बाज* ।
*बीर सपूतों पर दईं ,तोप दना दन दाग* ।।
हमाये बड़े बूढे कक्का दद्दा जू बताउत हते की अंग्रेज़ी हुकुमत नैं हम सबके ऊपर भौतई जुल्म ढाये जाने लगे हते और साॅस लेवौ मुशकल हो गओ तो हमाये बापू जी महत्मा गाॅधी जू कौ आन्दोलन बड़ी  तेजी सैं देश में जारी हतो और बापू जी यात्रा नें अंग्रेजन की नाक में दम कर दई हती ओई समय अपने पूरे बुन्देलखंड में आन्दोलन की शुरूआत हमाये नेतन नें करी सन 1930 को  चरणपादुका गाॅव में ऐंगर पास के सबई नेता इकट्ठे भये और एक भौत बड़ी पंचायत कौ आयोजन करो जीमें अपने देश कौ सामान उपयोग और कर लगान के मुद्दे उठाये गये हते इतिहास कार बताऊत हैं कै ई पंचायत में पचास हजार लोगन नैं भाग लओ हतो ई सभा की खबर अंग्रेजन खां लगी और उनके कान खड़े हो गये ।
               ईके बाद कछू दिनन बाद एक भौत बड़ी सभा महाराजपुर में भई हती ई सभा की खबर पाकें अंग्रेज़ी जज निगरानी करवे आये हते सभा के बीच अंग्रेज़ी जज देखकें बुन्देली शेर भड़क गये और उनकी मोटर कार में पथरा घाले अपनी जान बचाकें जज जू उल्टे पाॅव भाग गये पर अंग्रेजी शासन हतो और उनकौ चलता हतो सो हमाये नेतन पै मुकद्दमें कायम करे और जैल भेज दओ ऐसे जुल्म अंग्रेजी गोरे बदरन ने करे गरीबी भौत हती लोग लगान नईं दै पाउत ते सो अंग्रेज़ी फोज भौत यातनायें देत हते अंग्रेज बड़ी ही बेरहमी से हंटर और जूतियों से पीटते थे जिससे हमाये सपूतन की रूह कांप जात हती अंग्रेज़ी अफसर जिन जूतियों से हमारी खाल उधेड़ थे ऊ जुतन कौ नाम हन – प्यारी और दिल बिगाड़ हतो
                 दोहा
*हन- प्यारी दिल बिगाड़ से,देते खाल उधेड़* ।
*चुंवत खून सब जात तो ,भेज देत ते जेल* ।।
*कर देते थे सभी का ,खैबौ पीबौ बंद* ।
*हबालात की हबा बस ,दे देती दी संग* ।।
         गाॅव में हमाई बऊ विटियन कौ बाहर निकरवौ मुशकल हो गओ हतो अंग्रेज़ी अफसर के फौज के सिपाही बड़ी ही दरिंदे थे दिन बीतत गये और हमाये नेता लड़ाई लड़त रये ।
      नौगाॅव में 36 रिसयत कौ सबसे बडौ अधिकारी रात हतो सो हमाये सबई नेता दो तीन हजार आदमी लैकें उनसे मिलवे के लानें गये और अपनी अर्जी उनके सामने रखी पर अंग्रेजी गोरे बंदर अफसर नें एकऊ बात ना सुनी और बोला
    मैन तूं गाॅव में रैता है
अपने गाॅव बापिस जा और कर और लगान देना ही होगा जितने जने गये हते आॅखन में असुआ आ गये खैबे नाॅज ना हतो कर कांसें चुकावी और सब जने लुगासी की नदी पै बैठ कैं भौत रोये और करम ठोकन लगे और अंग्रेज़ी हुकूमत को कोशन लगे
          इतिहासकार बताउत हैं कै हमारे लीडर पंडित श्री रामसहात तिवारी जू हमाये दल के नेता हते सो अंग्रेजी अफसरन नैं अपनी रणनीति के तहत गिरफ़्तार कर लओ हतो ईसैं आग की चिंगारी और तेज हो गई हती
              *दोहा*
*गिरफ़्तार हो गये ते ,पंडित रामसहांय*।
*अंग्रेजन नैं करो तो ,भौत बड़ौ अन्याय*
*पंडित रामसहांय से ,डरते थे अंग्रेज*
*इसीलिये भेजा उन्हैं,उठवाकर के जेल*
     पंडित रामसहाय तिवारी जू की गिरफ़्तारी के बाद सबई जनन नैं फिर एक बड़ी सभी बुलाई जीमें बुन्देलखंड के जानें मानें लीडर सामिल भये हते और अंग्रेज़ी हुकूमत के विरोध में फिर उतरने की तैयारी करी गई जौन नेता
 आजादी की मुहिम आगे बडाऊत हते उनखा गोरे अफसर भोतई परेशान करत हते एई सब बातन खाॅ लैंकें गाॅव सिहपुर के ऐगर उर्मिल नदिया के किनारें 14 जनवरी सन 1931 खाॅ हमाये सबई क़ातिकारी और जुझारू भईयन की सभा हो रई ती और सबई जनें मिलकें अपनी रणनीती बना रये थे जा खबर जब गोरन के सरदार जनरल  फिशर खाॅ लगी तो बें आनन फानन में अपनी भील पलटन लैंकें चरण पादुका पर दबस दैबे के लानें पौंच गये और चारूव कौनन से सबई क़ातिकारी भईयन खाॅ घेर लओ हमाये भकयन खाॅ ई बात की खबर ना लग पाई गोरन ने विना कछू पूॅछें जांचें दना दना गोलियां दागबों शुरू कर दओ हमाये भईया गोली की आवाज सुनकें नदियाँ की कोद भगन लगे कछू जनें अपनी जान बचावे के लानें पानी भरी नदिया में कूॅद गये देखबे बारे बताउत हैं की हमाये भईयन के इतनों रकत बहो कै नदिया कौ सफेद पानी लाल हो गओ हतो तो
               *दोहा*
*गोरन की गोली चलीं ,रहे बंदूकें घाल* ।
*उर्मिल को पानी भओ,पूरौ लालई लाल* ।।
*गोरों नें आतंक कर ,किया बडा अपराध*
*सिंहपूर को बनाया ,जलियाँ वाला बाग* ।।
*गोरों ने जब चलाईं ,भर भर के बंदूक*
*घर वारे सब दूर से ,देख रहे थे ढूक* ।
*कछू जनें नदिया बहे,कछू जने चिल्लाय* ।
*अंग्रेजन कों देख डर ,कोऊ ना ऐगर जांय* ।।
ऐसी दशा करी हती ससुर ई गोरन ने हमाये भईयन की आज लौ पूरो पतो नईं चल पाओ के कितते जने ई गोरॅन की गोलन सें शहीद हो गये ऐसों बताऊत हैं कै 21 जनें शहीद हो गये ते पर ठीक ठीक सही जानकारी आज लौ पतों नई लगी ऐसौ बताउत की जे इतने जनें शहीद भये ते
               दोहा
*अमर शहीद गिलौहा,सेठ जी सुन्दर लाल*
*श्री चिंतामणि जू पिपट के ,गये ठोकते ताल*
*श्री रामलाल जू गौमा गृह ,कटिया श्री रघुराज*
*श्री करनसिह हलकाईं जू,खिरवा श्री धर्म दास*
*श्री मती रामकुवर जू ,लौड़ी श्री गणेश*
*अमर नाम कर गये हैं ,हार गये अंग्रेज*
1-  *अमर शहीद शहीद सेठ सुन्दर लाल जी गिलौहा*
2-  *अमर शहीद    श्री धर्म दास मांतों खिरवा*
3 *अमर शहीद – श्री रामलाल जी गोमा*
4- *अमर शहीद    श्री चिंता मणि जी पिपट*
5-  *अमर शहीद  श्री रघुराज सिंह जी कटिया*
6-    *अमर शहीद श्री करन सिंह*
7-   *अमर शहीद श्री हलकाई अहीर*
8-  *अमर शहीद श्री हल्के कुर्मी*
9- *अमर शहीद  श्री मती राम कुॅवर*
  *अमर शहीद  गणेशा जी लौंडी आदि*
इसके बाद भी हमाये और भईया बैन शहीद हो गये हते पर उनकौ पतो नईं लग पाओ हमाये भईयन नें जौन गोरन की बंदूकन कीं गोलीं खाईं बे गोलीं आज लौ कानन  में सुनाई दै रई  हैं ऊ अंग्रेजन नें ऐसी खून की होली खेली की आज लौ नईं विसरत है
   ई बलवा सें पूरे बुन्देलखंड में आगी सी लग गई और पूरे दम सें खूब आंदोलन करो और अंग्रेजी अफसरन को मजा चखाओ लरत लरत सन 1939 में कांग्रेश समिति बनाई गई और नौगाॅव के पास के हरपालपुर के जुझारू नेता पंडित श्री रामसहांय तिवारी जू अध्यक्ष बनाये गये हते । स्वतंञता मिलवे के बाद चरण पादुका में एक स्मारक बनाओ गओ और स्मारक में अमर शहीद भईया बैनन के नाम लिखवाये गये कछू शहीद भईयन के नाम छूट गये जिनको पतो ना चल पाओ हतो लेकिन उनके अमर शहीद गुम नाम हम सब बुन्देलखंड के भईयॅन के हृदय में लिखें हैं जीहाॅ हम कभऊॅ नई भूल सकत हैं
           कछू दोहा
*उर्मिल नदी के घाट पर,हो गये बीर शहीद* ।
*कितने हते सपुत सब ,हो ना सकी तसदीक* ।।
*देश प्रेम के बास्ते ,भये बीर क़ुर्बान*।
*अपनी माटी के लिये ,न्योछावर करे प्राण*। ।
*चरणपादुका बन गया ,जलिया वाला बाग* ।
*भूल सकत कभऊं नही ,इन भईयन कौ तयाग* ।
*भूल सकत ना हम कभऊं,भईयन कौ बलिदान*
*खातिर अपने देश को ,त्याग दिये हैं प्रान*
हमाये शहीद भईयन के स्मारक कौ शिलान्यास तत्कालीन रक्षामंत्री बाबू जगजीवन राम जी ने 8 अप्रेल 1978 के दिन खाॅ करो हतो और अनावरण तत्कालीन मुख्यमंत्री जू श्री अर्जून सिंह जी के दुवारा 14 जनवरी 1984 के दिना करो हतो तबई सें हर साल की 14 जनवरी के दिना पूरी धूमधाम से अमर शहीद भईया बैनन को श्रृद्धांजलि  दई जात है हमाये जिला के सबई माननीय सांसद जू विधायक जू और जिला के सबई बड़े बड़े अफसर कलेक्टर साब एस पी साब और ऐंगर पास के सबई जनें श्रृद्धांजलि दैबे के लानें  जात हैं और सात दिना लौ मेला बुड़की कौ मेला  लगत है
        हमाये भारत की सरकार ने सिंहपुर में बनी रेल्वे स्टेशन कौ नांव चरणपादुका सिहपुर धर दओ जा खबर पाकैं सबई क्षेत्र बासी भौतई खुश भये कम से कम  भारत के नकशा में चरणपादुका कौ नांव दर्ज हो गओ
   इतिहास के पन्नन पै चरण पादुका कौ नाम दर्ज तो हो गओ  है पर जिततो विकास भओ चाऊत तो सो नई भओ कितते बार कितती घोषणायें भईं पर अमल कमई भओ कछू जनन के प्रयास सें चार दीवारी, घाट,उर्मिल पुल जिला पंचायत और जनपद निधि से  एक समाज भवन माननीय सांसद महोदय की नीधि से ,दूसरा समाज भवन जिला पंचायत बी आर जी एफ से मंजूर कर कार्य पूरे हो चुके हैं तत्कालीना जिला पंचायत अधयक्ष श्री राजेश प्रजापति जी द्वारा जिला पंचायत निधि से एक बाऊंडरी वाल का निर्माण कराया गया था जे सब नौनें  निर्माण हो गओ जो देखत में अचछों लगत है पर एक कमी लग रई है एक अमर शहीद भवन को निर्माण हो जायें और उमें अमर शहीद भईयन कौ इतिहास जानकर पुराने लोगन से पूछकर लिखो जाय जीसें हमाये आबे बारे  बाल बच्चे इतिहास खाॅ पढ सकें और जान सकें  सिंहपुर  चरणपादुका घाट कौ सुन्दर निर्माण कार्य कराओ जाय, सड़क के दौनों और सुंदर वृक्षारोपण और सूचना पटल आदि लगाये जायें यई हमाये अमर शहीद भईया बैनन के लानें सच्ची श्रद्धांजलि होगी
विकास की भौत कमी है सब जनें शासन के सहयोग सें पूरो करें हमाये माननीय सासंद महोदर जू ,विधायक जू ,जिलापंचयत अधयक्ष जू ,कलेकटर महोदय अगर अपने अपने मद सें मदद करें तौ चरणपादुका कौ रूप बदल सकत है जा हमारी और आपकी जबाबदारी आय
      जौन घोषणा मंच सें करी जाये दूसरे दिना ऊपै कार्यबाही शुरू होवे की जरूरत है पर घोषणा हो जात है पर काम कछू नईं होत है
    🙏🏿 *इंजी• सी बी ञिपाठी* 🙏🏿
         *स्वच्छता विशेषज्ञ*
               *नौगाॅव*
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