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बुंदेलखंड की बदहाली और रामबाई को गुस्सा

बुंदेलखंड की बदहाली और रामबाई को गुस्सा

सचिन चौधरी #बुंदेली बौछार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक चेहरा लगातार सुर्खियों में है. यह चेहरा है दमोह के पथरिया से बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई सिंह परिहार. सड़क से सदन तक हमेशा गुस्सा में रहती हैं रामबाई. उनका गुस्सा है सिस्टम के खिलाफ.. बुंदेलखंड की बदहाल शासन व्यवस्था के खिलाफ उनका गुस्सा अब विधायक बनने के बाद कम नहीं हो रहा हो बल्कि सातवें आसमान पर है

कई तरह के तीखे तेवरों वाले वीडियो वायरल होने के बाद राम बाई का एक नया वीडियो चर्चा में है. जिसमें वे किसानों से दलाली करने वालों को गालियाँ देती नजर आ रही हैं.. इस वीडियो पर जब भोपाल के भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई तो उस पर सफाई देने के बजाय राम बाई ने कहा कि गरीबों से अन्याय करने वालों को न केवल गालियाँ देंगे बल्कि मारेंगे भी..
बात नैतिक अनैतिक से ही शुरू करते हैं. किसी भी सभ्य समाज में गाली देना नैतिक नहीं माना जा सकता. सो यहां भी नहीं माना जाएगा.
लेकिन महिला विधायक की भाषा पर आपत्ति जताने में तनिक भी देर न करने वाले भाजपाईयों के लिए राम बाई की भाषा सिर्फ शब्द नहीं आईना हैं..
किस तरह आपके राज में भ्रष्टाचार के सिस्टम ने ग्रामीणों को छला है.. मंडियों में किसानों की बदहाली पर सत्ता में रहते हुए आपके कितने विधायक आंसू बहाने पहुंचे ज़रा बतायें..आपके 15 साल के कार्यकाल में कितने मंत्री खेत में पसीना बहाते, फिर मंडी में माल बेचने को आंसू बहाते किसानों का दर्द जानने पहुंचे. कोई अपवाद भी याद हो तो बता दीजिये..
बीते 15 दिन से रामबाई एक छोटा सा लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रही हैं.. मंडियों में उड़द खरीदी में भ्रष्टाचार का. जिसमे मंडी के अधिकारी से लेकर सर्वेयर तक तमाम लोग सालों से किसानों को शोषित करते आये हैं.. आपकी नजर में ऐसे भ्रष्टाचारी लोगों को गाली देना महा पाप है.. होना भी चाहिए क्योंकि इसी बेईमानी के दलदल में कमल खिलाकर आप सालों से पुण्य हासिल कर रहे थे..

अब तक जितने भी वीडियो मैंने देखे हैं उसमे राम बाई गुस्से में ही रहती हैं. लेकिन हर बार यह गुस्सा भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ ही नजर आया.. गनीमत समझिए कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह गुस्सा बुंदेलखंड की एक महिला प्रतिनिधि को ही आया है, यदि आम जन मानस ने अपनी पीड़ा को कभी गुस्से में बदल दिया तो आपको भागते रास्ता न मिलेगा..
अब बात स्वयं रामबाई की शख्सियत की.. जब हाल ही में एक इंटरव्यू में मैंने उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि गुस्सा मुझे आता है क्योंकि मैं किसी के साथ गलत होते नहीं देख सकती.
यह बात अगर सच है तो दिल से दुआ है कि अपना गुस्सा कम मत होने दीजिये.
लेकिन एक सलाह भी है.इस गुस्से का दुरुपयोग होने से बचिए.
एक महिला का राजनीति में आना कठिन है, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में बिना भाजपा – कांग्रेस अपनी जगह बनाना मुश्किल है और ऐसे तेवर बनाकर सिस्टम में रहकर सिस्टम से ही लड़ना बेहद दुर्गम मार्ग पर आगे बढ़ने सा है .. रामबाई आज से नहीं सालों से इसी अंदाज में व्यवस्था के खिलाफ लड़ रही हैं और जनता से जुड़ने में सफल हैं
सच कहूं तो चुनाव जीतकर सिर्फ अपने बारे में सोचने वाले नेताओं के नकारापन ने ही बुंदेलखंड को बदहाल किया.. ऐसे अंधेरे में उम्मीद की किरण हैं रामबाई.. बुंदेलखंड के हाल सुधारना है तो इसी गुस्से से आगे बढ़िये..
लेकिन भाषा और सामाजिक मर्यादा पर थोड़ा संभल के

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