मुख्यमंत्री कमलनाथ की भाजपा को चुनौती
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि –
दिग्विजय सिंह जी राज्यसभा के हमारे उम्मीदवार हैं और हर राज्यसभा उम्मीदवार का प्रयास रहता है कि वह विधायकों से चर्चा करें , उनसे मिले। किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को ये हक़ रहता है।भाजपा के उम्मीदवार भी कांग्रेस के विधायकों से बात कर सकते हैं कि उन्हें वह वोट दें।
दिग्विजय सिंह जी भी आज बेंगलुरु गए थे , वहां तो कांग्रेस के विधायक है।उन विधायकों ने यह तो नहीं कहा कि हमने कांग्रेस छोड़ दी है , उन्होंने तो स्पष्ट कहा है कि हमने कांग्रेस नहीं छोड़ी है।दिग्विजय सिंह जी गए थे उन से निवेदन करने और जब आज दिग्विजय सिंह गये तो उनसे कहा गया कि इनकी सुरक्षा की रिस्क है।एक व्यक्ति उन विधायकों से मिलने गया , जो कर्नाटक की 500 पुलिस के जवानो के पहरे में है और दिग्विजय सिंह जी आज राष्ट्रीय खतरा बन गये।वह अगर अंदर चले गए तो राष्ट्रीय खतरे का प्रश्न उठ जाएगा ?
यह बात साफ साबित करती है कि किस प्रकार से उन्हें बंधक बनाया गया है।दिग्विजय सिंह जी अंदर जाते तो वे यदि मना कर देते कि हम आपसे नहीं मिलना चाहते हैं तो वे वापस लौट आते लेकिन उन्हें रोकना और यह कहना कि विधायक नहीं मिलना चाहते हैं , ग़लत है। विधायक लिखकर कह रहे कि हम नहीं मिलना चाहते वह तो दिग्विजय सिंह जी के मुंह पर भी कह सकते थे लेकिन उन्हें रोका गया।यह साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी षड्यंत्र रच रही है , उसका यही प्रयास है कि किसी तरह सरकार को हाईजैक किया जाए।
पिछले 15 माह में हमारी सरकार ने कई बार अपना बहुमत साबित किया है , आज के दिन हमारी बहुमत की सरकार है।कोई सड़क पर आकर खड़े होकर कह दे कि सरकार के पास बहुमत नहीं है तो क्या यह सही है ? वह अविश्वास प्रस्ताव क्यों नहीं लाते।वह सीधे पहले दिन अविश्वास प्रस्ताव लाते लेकिन वह जाएंगे राज्यपाल जी के पास , वह जाएंगे फोटो लेकर , वह जाएंगे चिट्टियां लेकर। यह सीधे अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में पेश करें और इस पर बहस हो , इस पर फैसला हो कि किसके पास बहुमत है और किसके पास बहुमत नहीं है।
यह कहते हैं कि फ्लोर टेस्ट करो ।फ्लोर टेस्ट का क्या मतलब है ? फ्लोर टेस्ट दो प्रकार के होते हैं एक विश्वास प्रस्ताव और दूसरा अविश्वास प्रस्ताव।यह कहते हैं कि हम अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे , आप विश्वास प्रस्ताव लाओ। 15 माह से हमारा बहुमत बना हुआ है , इसका टेस्ट हमने कई बार विधानसभा में साबित किया है।
अब आप सड़क पर खड़े होकर यह कहने लगो कि बहुमत साबित करो तो इसी से समझा जा सकता है कि इनके पास बहुमत नहीं है और यह सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। यह सिर्फ़ दूसरे माध्यमों का सपोर्ट लेकर सरकार को डिस्टर्ब करना चाहते हैं।
आज शिवराज सिंह जी को सपने आ रहे हैं , उनको नींद नहीं आ रही है , मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं और कईयों को भारतीय जनता पार्टी में नींद नहीं आ रही है , सब सपने देख रहे हैं जो मुख्यमंत्री बनना चाहते है , 3-4 रेस में है लेकिन इनका सपना साकार कभी नहीं होने वाला , यह बड़ी भूल में है कि बहुमत इनके पास है।
हम तो चाहते हैं भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाये , क्यों घबरा रहे हैं , इसका तो प्रावधान है । इन 16 लोगों को वापस लाने में आप क्यों घबरा रहे हैं ? आपने 500 से 1000 पुलिसवाले लगाकर इनको क्यों कैद किया हुआ है ? इनको भोपाल लाये , मीडिया के सामने लाये , जनता के सामने लाएं , इनको स्वतंत्र छोड़ें , सब विधायक अपने क्षेत्रों में जाएं , अपने घर जाएं , पर यह लोग यह सब नहीं करेंगे।दबाव में बंधक बनाकर विधायकों से यह कुछ भी लिखवा सकते हैं ,कुछ भी कहलवा सकते हैं।मैं तो कहता हूं क्या कोई मीडिया वाला इनके पास स्वतंत्र रूप से अंदर जाकर मिल सकता है ?
मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों और देश के गृहमंत्री से भी फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है , मैंने सुबह 8:00 बजे उन्हें फोन किया था।मेरे फोन का पलट कर जवाब भी अभी तक नहीं आया है।
आज पूरे देश की जनता देख रही है कि किस प्रकार प्रजातंत्र से खिलवाड़ किया जा रहा है।हम अगली रणनीति के बारे में सभी से सलाह कर रहे हैं।हम तो आज भी चाहते हैं कि फ्लोर टेस्ट हो लेकिन नियम प्रक्रिया के अनुसार हो ,संविधान के अनुसार हो , विधानसभा के नियमों के अनुसार हो।यह तो अविश्वास प्रस्ताव दे चुके हैं लेकिन अब मुकर रहे हैं , कह रहे है कि हमने नहीं दिया लेकिन वह तो कागज के रूप में उपलब्ध है , वह तो लिखा हुआ है , अब भाग रहे हैं। मै उनसे पूछना चाहता हूं कि अब क्यों भाग रहे हो ?