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हत्या के आरोप में मिली उम्र कैद, तो कोर्ट से ही फरार हो गए बुंदेलखंड के भाजपा विधायक

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही वे पुलिस को चकमा देकर कोर्ट से ही फरार हो गए। दरअसल 22 साल पहले राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में पांच लोगों की हत्या की हत्या हुई थी। इसी सामूहिक हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट ने अशोक सिंह चंदेल सहित सभी 10 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया। आरोपितों को 2002 में हमीरपुर के एडीजे ने दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि सजा का ऐलान होने के बाद हाई कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए विधायक विधायक अशोक सिंह चंदेल कोर्ट परिसर से फरार हो गए हैं।

यह था मामला –

26 जनवरी, 1997 शाम साढ़े सात बजे हमीरपुर के सुभाष नगर में राजीव शुक्ल के भाइयों राजेश कुमार शुक्ल और राकेश कुमार शुक्ल, अंबुज उर्फ गुड्डा, श्रीकांत पांडेय और वेद प्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के चश्मदीद राजीव शुक्ल ने बजे शोक सिंह चंदेल व अन्य को नामजद करते हुए थाने में हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद अशोक सिंह चंदेल, रघुवीर सिंह, डब्बू सिंह, उत्तम सिंह, प्रदीप सिंह, नसीम, श्याम सिंह, साहब सिंह, झंडू और भान सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में तथा शस्त्र अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की।

बर्खास्त किए जा चुके जज
एक चौंकाने वाले फैसले के तहत अपर जिला और सत्र न्यायाधीश ने 17 जुलाई, 2002 को इस बहुचर्चित हत्याकांड के सभी 10 आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने प्राथमिकी में देरी के साथ चश्मदीद गवाह राजीव शुक्ल के बयान तथा चोटिल हुए रविकांत पांडेय की घटना के समय मौजूदगी और फोरेंसिक रिपोर्ट को संदेहास्पद माना था। राज्य सरकार और पीडि़त राजीव शुक्ल ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।

लेकिंन बाद में यह फैसला देने वाले जज को बर्खास्त कर दिया गया

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