बिजली की अघोषित कटौती ने किसान व ग्रामीण परेशान किया परेशान तो उन्होंने क्या किया
जैतपुर/महोबा । बिजली समस्या से जिलेवासी परेशान है। बिजली को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों मे है। जहां बिजली कटौती व बार-बार खराबी आने से लोगों में आक्रोश है। बिजली समस्या का असर खेती किसानी पर भी पड़ रहा है। जैतपुर विकासखंड के कुड़ई, हसला, बसरिया, रजौनी, परा, खिरिया खुर्द के ग्रामीणों की शिकायत है कि बिजली बंद होने से कृषि पंप व बोर से पानी नही मिल रहा। जिससे सिंचाई कार्य भी प्रभावित हो रहा है, और रवी की चना, मटर की फसलें सिंचाई के अभाव में मुरझा कर सूखने की कगार पर है। इस सबके बाद भी अधिकारी मानने को तैयार नहीं कि क्षेत्र में बिजली की समस्या है। मध्यप्रदेश की सीमा से लगा फीडर धौररा की आंख मिचौली से ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा हाल है। इसके कारण कई बार लोगों को आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने का मन बना लिया है ।ग्राम, परा निवासी जय हिंद राजपूत, जगदीश चौबे, राकेश कुशवाहा, महेश राजपूत ग्राम गुड़ा का कहना है कि यदि समस्या का समाधान जल्दी नहीं होता तो बिजली कार्यालयों के घेराव भी होंगे, लोगों का आरोप है कि धवर्रा गांव एक वीआईपी का गृह निवास होने के चलते वहां चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही, दूसरी ओर किसान अपनी सूखती फसलों को देख दुखी हैं। जिले में सिंचाई का प्रमुख साधन नदी व नहर है।लेकिन इस साल वर्षा पर्याप्त ना होने से नहरों में पानी नहीं आ रहा।
इसके अलावा कृषि पंप व निजी बोर से भी आवश्यकता अनुसार सिंचाई कार्य किया जाता है। जिसके लिए किसानों ने विजली कनेक्सन भी ले रखें है, लेकिन 20 दिन से यहां के दर्जनों गांवों में बिजली कटौती, लाइन फाल्ट आने व लो वोल्टेज की समस्या के कारण कृषि पंपो का नियमित रूप से संचालन नही हो पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों ने सभी जनप्रतिनिधि अधिकारियों व नेताओं से संपर्क किया लेकिन अभी तक हमारी समस्या का निस्तारण नहीं हुआ किसानों ने पैसे जमा करके बिजली के कनेक्शन प्राप्त किए लेकिन फेस ना आने के कारण सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहा है
इस पूरे मामले में जब एसडीओ कुलपहाड़ विद्युत विभाग से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि ओवरलोड के कारण यह समस्या आ रही है जल्द से जल्द समस्या का निस्तारण किया जाएगा। लेकिन जब तक समस्या का समाधान होगा तब तक रवी फसलों की क्या दशा होगी, राम जाने।