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चम्बल के लोगों की ज़िंदगी जीने की अदा के फैन थे- इरफान खान

वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली जी की कलम से……।

भारतीय सिनेमा के जीवंत कलाकार इरफान खान अब नही रहे । वे महज 53 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन दर्शकों के दिलो दिमाग मे वे जिज़ तरह से अपनी जगह बना गए है लगता है वे सैकड़ो सालों से हमारे बीच रहे हों।
इरफान खान एनएसडी में पले बढ़े थे लिहाजा कला और अभिनय उनकी रगों में दौड़ता था जैसे रक्तनके साथ प्लाज़्मा। वैसे तो उनकी हर फिल्म लाजबाव होती थी लेकिन वे आम दर्शकों में अपनी पैठ बीते दस सालों में ही बना पाए लेकिन चम्बल की डाकू समस्या पर फिल्माई गई पान सिंह तोमर नामक फ़िल्म के जरिये उंन्होने अपनी प्रतिभा का लोहा इस कदर मनवाया कि उन्हें नेशनल अवार्ड भी मिल गया और पद्म श्री भी ।
कौन थे पान सिंह
दरअसल यह कहानी चम्बल में हुए एक डकैत की कहानी थी । मुरैना जिले के पान सिंह तोमर आर्मी में थे । वे शानदार एथलीट थे । अंतरराष्ट्रीय स्तर के । उनके पास तमाम मेडल थे लेकिन सीमा पर चीन और पाकिस्तान को परेशान करने वाले पान सिंह तोमर जब वापिस अपने गाँव लौटे तो अपने घर और जमीन पर कब्जा लेने में विफल हो गए । उनके गांव वालों जिनमे ज्यादातर उनके परिजन ही थे उनका हिस्सा देने को तैयार नही थे । पुलिस और प्रशासन से भी जब इस फौजी को मदद नही मिली तो थक हारकर उसने चम्बल की आखरी रीत अपनाई । वह फरार होकर बागी हो गए । एथलीट से डाकू बने पानसिंह की ज़िंदगी मे काफी उतार चढ़ाव थे । एक बार वरिष्ठ पत्रकार आलोक तोमर ने दिल्ली आए निदेशक तिग्मांशु धूलिया को उनकी कहानी सुनाई क्योंकि पान सिंह का पहला औरआखिरी इंटरब्यू स्व तोमर ने ही बीहड़ में जाकर लिया था । तब आलोक जी ग्वालियर के स्वदेश समाचार पत्र में नौकरी करते थे । उंन्होने इसे स्वदेश में ही छापा था जिसमे पान सिंह ने कहा था – वे आत्मसमर्पण करना चाहते है । हालांकि इसके कुछ समय बाद ही भिंड जिले के राठियन का पुरा में एक मुठभेड़ में मारे गए ।
बाद में आलोक जी ने तिग्मांशु को कई नोट उनके बारे में दिए लेकिन बाद में आलोक जी की दुःखद मौत हो गई । तिग्मांशु ने अंततः इस कथानक पर फ़िल्म बनाई जिसने तिग्मांशु और इरफान खान दोनों को ही सुपरहिट कर दिया ।
जब इरफान खान को यह रोल दिया गया तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी चम्बल के ठेट देसज एक्सेंट को पकड़ना और उंन्होने इस चुनौती को स्वीकार किया । उंन्होने अंचल के सैकड़ो लोगो के साथ घण्टों संवाद किया और बारीकी से अंचल के लोगों लहजे को पकड़ा और जीवन शैली को समझा । जब वे इस फ़िल्म की शूटिंग करने आये तो वे बाकी समय लोगो से मिलने और उनके तौरतरीकों को समझने में लगाते थे । नतीजा फ़िल्म में दिखा वे फ़िल्म में एकदम तंवरघारी दिखे । एक्सेंट ऐसा लगे मानो पानसिंह ही बोल रहे हो । उन्हें चम्बल अंचल के लोगों की स्पष्टवादिता और अपनी बात को बहुमूल्य बनाने की अदा बहुत ही भा गई थी जिसे उंन्होने बाद
में अलग अलग कार्यक्रमो में व्यक्त किये ।
आज हुआ निधन
बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का 54 साल की उम्र में निधन हो गया है. वे मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती थे. उनकी हालत काफी गंभीर थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इरफान पेट की समस्या से जूझ रहे थे. उन्हें Colon infection हुआ था.
बॉलीवुड के टैलेंटेड अभिनाताओं में शामिल इरफान खान के यूं अचानक चले जाने से उनके फैंस और बॉलीवुड सेलेब्स सदमे में हैं. दो साल पहले मार्च 2018 में इरफान को न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी का पता चला था. विदेश में इस बीमारी का इलाज कराकर इरफान खान ठीक हो गए थे.

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