गोवर्धनपुरा में ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही से खुले आसमान के नीचे खड़े रहते गौवंश
कोंच। जनपद जालौन के नदीगांव विकास खण्ड के ग्राम गोवर्धनपुरा में खुले में गौवंश खड़े रहते हैं। ऐसी ठंड में जहां उच्चाधिकारी गौवंश को ठंड से बचाने के लिए बात कहते नजर आते हों और भूसा पानी की व्यवस्था करने की बात करते हों लेकिन गोवर्धनपुरा में एक जगह गौवंश खुले में खड़े रहने को मजबूर हैं। वहीं खाने के लिए यहां कोई भूसा नहीं है जिस कारण जब किसी ग्रामीण को दया आ जाती हैं और वह सोचता है कि प्रधान और सचिव से तो कुछ होगा नहीं तो वह इन गौवंशों को छुट्टा कर देता है, जिसके बाद यह गौवंश गांव में किसी तरह अपना पेट भरकर आ जाते है और अंत में फिर यहीं पर शमशान की जगह में अस्थाई तौर से बनाई गई गौशाला में गाय बंद कर दी जाती हैं। अभी कुछ दिन पहले यहां पर एक गाय को यहां बनी अस्थायी गौशाला के पास ही कुत्तों द्वारा भोजन बनाया जा रहा था। जिसकी खबर मीडिया के द्वारा चलाये जाने पर गायों को गांव में शमशान के पास बनी इसी अस्थायी गौशाला में गायों को इक_ा किया गया लेकिन प्रधान और सचिव इन गौवंशों के खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं और न ही ठंड से बचने के लिए एक बाजार से पन्नी (तिरपाल) तक लगवा पा रहे है। वहीं जब इस सम्वन्ध में ग्राम पंचायत सचिव से इस सम्वन्ध में बात करनी चाही तो उनका मोबाइल ही नहीं उठा। भले ही अधिकारी बैठक में गौवंशों को ठंड से बचाने व भूसा पानी उपलब्ध कराने की बात करते हों लेकिन इन बातों का गोवर्धनपुरा के सचिव व प्रधान पर कोई प्रभाव ही नहीं पड़ रहा है। ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत सचिव कभी कभार आते हैं यहां और बिना जनता से मिले ही प्रधान के पास होकर चले जाते हैं। फिलहाल कुछ भी हो सरकार की अति महत्वपूर्ण गौशाला जैसी योजना को गोवर्धनपुरा के प्रधान और सचिव मिलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्यवाही की आवश्यकता है। ग्रामीणों में भी गौशाला की व्यवस्था न होने के कारण असन्तोष है।
शैलेंद्र पटैरिया, कोंच