*84 कोस की परिधि में बसेगी नव अयोध्या।
*भूमि पूजन हेतु प्रसिद्ध मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों की माटी और पवित्र नदियों का जल भेजा जाएगा अयोध्या।
सकल आस्था के प्रतिमान रघुनंदन श्रीराम के भव्य-दिव्य मंदिर की आधारशिला पाँच अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे इसी के साथ कोटि कोटि सनातनियों की सदियों की चिरअभिलाषा पूर्ण होगी। श्रीराम लला विराजमान की भव्य प्राण प्रतिष्ठा से भारत वर्ष की पावन सनातन संस्कृति का पुनः अभ्युदय होगा जिसकी अभिव्यक्ति सकल विश्व में गुंजायमान होगी। भगवान श्रीराम की जन्मस्थली होने के कारण अयोध्या धाम भारतीय संस्कृति की आत्मा है, मोक्षदायिनी अवधपुरी में भव्य मंदिर के शिलान्यास के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी एक नव्य- भव्य अयोध्या के बसाने की घोषणा भी कर सकते हैं, जो सम्राट विक्रमादित्य द्वारा 05 कोस में बसाई गई अयोध्या से 17 गुना बड़ी यानि की अयोध्या की आध्यात्मिक सीमा चौरासी कोस की परिक्रमा तक होगी।
भूमि पूजन व अयोध्या को विस्तार देने के कार्यक्रम की कार्य योजना तैयार है इन्ही तैयारियों की समीक्षा के लिए आज केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल अयोध्या पहुँच कर मुख्य सचिव व जिले के आला अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे व आगामी रूपरेखा निश्चित करेंगे।
अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भूमि पूजन की तैयारियों के बीच आकस्मिक जांच में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के शिष्य व सहायक पुजारी प्रदीप दास और परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ऐसे में अफसरों को चिंता है कि परिसर कैसे कोरोना मुक्त बना रहे।
इन्हीं सब तैयारियों के बीच खबर है कि भूमि पूजन कार्यक्रम के पूर्व 2-3 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर सारी तैयारियों को परखने के लिए अयोध्या जा सकते हैं, वे कार्यक्रम को अतुलनीय, अविस्मरणीय बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने महाआयोजन पर शुक्रवार को दुनिया भर के रामभक्तों से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की सतर्कता के साथ आयोजन से जुड़े हर राम भक्त को भूमि पूजन के दौरान सुरक्षा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि देश व दुनिया के सभी रामभक्त अपने-अपने घर में रहकर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को लाइव देखें। उन्होंने विश्व भर में मौजूद रामभक्तों को चार और पांच अगस्त को अपने-अपने घरों पर दीपक जलाने और अखंड रामायण का पाठ करने की अपील की है।
भूमि पूजन के लिए चल रही तैयारियों के तहत देश भर से प्रमुख मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों की माटी और पवित्र नदियों का जल मँगवाया गया है। बुंदेलखंड से भी झाँसी का किला, ओरछा रामराजा मंदिर, दतिया पीताम्बरा पीठ, बालाजी सूर्य मंदिर, टीकमगढ़ कुंडेश्वर मंदिर, शक्ति भैरव देवी मंदिर, चिरगांव मैथिलीशरण गुप्त की जन्मस्थली, गढ़ कुंडार किला, ललितपुर दशावतार मंदिर, कालिंजर दुर्ग, चित्रकूट के समस्त पावन मंदिरों/ स्थलों, जालौन, महोबा, बांदा आदि स्थानों से पवित्र मिट्टी व वेतवा, पहूज, जालौन के पंचनद के संगम, चम्बल, मंदाकिनी आदि नदियों का पवित्र जल मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों द्वारा रामनगरी भेज दिया गया है।
✍️राजीव बिरथरे की रिपोर्ट