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” टाइगर जिंदा है “- टाइगर की आत्मकथा. बुंदेली में

(सचिन चौधरी संपादक बुंदेली बौछार 7970281421)
राम राम प्रदेश वासियों
हम कौन.. नाम तो सुनोई हुईए.. बोले तो टाइगर.. घुर्र. घुर्र
उमर हमाई 13 बरस 23 दिन .. यानि चौदहवें बरस को  फुल्टूस घुटो घुटाओ टाइगर..
साल 2003 में एक गुस्सैल तेज तर्रार शेरनी और 2004 में एक बिना दांतों वारे  शेर के राज के बाद जंगल में हमाई आमद भई। बचपन में हल्की फुल्की कद काठी के चलते जंगल के दूसरे बड़े जानवर जैसे भालू, भेड़िया, लड़इया मोये भीगी बिल्ली समझत रये। लेकिन अपन ठहरे पक्के घाघ , सॉरी सॉरी बाघ , सो   जंगल के कानून समझत भये चुनिंदा लोमड़ियों के संगे धीरे धीरे जंगल राज कायम करे में कामयाब होई गए। ईके लाने अपन ने दो मोर्चों पे काम करे। एक तो जंगल के छोटे जानवरों खों दुलारे ,पुचकारे और जो जानवर मोये चुनौती देवे की जुगाड़ में दिखे उनको शिकार कर लओ। हमाई रणनीति कामयाब भई और लगातार दो पंचवर्षीय में हम सुकून से जंगल के  राजा चुने गए। ऐसो नइयां के जंगल में हमाओ राज्य भौत बढ़िया रहो , मानों अपन ने इते ताकत से ज्यादा दिमाग को इस्तेमाल करे। जंगल में एकतरफा अपनों राज चले ..
सब बढ़िया सुकून से चल रओ तो। तबई साल 2014 आ गओ। ई टेम में बगल के बड़े जंगल में शेर खान नाम के खूंखार बाघ ने दस्तक दई। हमाये अपने कुनबे के भालू, बंदर, भेड़िया सब शेरखान के प्रभाव में आ गए और शेरखान के सानिध्य में हमाये जंगलराज पर कब्जा करने की कोशिश करन लगे।
 वे अपने लाने तो कछु हासिल न कर पाए मनों मौका पाके दूसरे विरोधियों ने हमाओ जंगल और राज सब कछु छीन लओ।
ई सब घटना क्रम में  13-14 बरस गुजर गए। अब जंगल को जो टाइगर चुक गओ। जंगल के राजा से वन विहार के एक छोटे से बाड़े में कैद है। .
 वैसे तो ई बाड़े में पूर्व राजा की सारी सुख सुविधायें हैं , मनों जंगल तो जंगल होत। जित्तो इते हमाओ बाड़ो है उतनों तो जंगल में ससुर गुसलखाना हतो। खैर ,, अपन खों भी असलियत पतो, दोबारा जंगल को राज मुश्किल है। लेकिन जो कमबखत मारो राजापना घुस गओ भीतर तक , ऊको का करें ? रोज भुंसारे से लोमड़ियों की जी हुजूरी वारी आवाजें सुने बिना पल्ली से बायरे कड़वे को मन नईं करत।
 सो एक नओ तरीका ईजाद करे। आजकल अपन मारीच मामा की नाईं हिरण ,” यानि अ कॉमन एनिमल ऑफ़ जंगल ” के भेष में निकर रये। जीसे आम जंगल के प्राणियों में रच बस पाएं और उन लोमड़ियों खों चीन पाएं जो हमाओ राज जाते ही विरोधियों की जी हुजूरी करन लगे।
वैसे एक बात सांसी कहें , हमें भी पतो है कि जंगल राज की वापसी संभव नईयां। मानों अगर चुपचाप ई वन विहार के बाड़े में घुसे रये तो हमाये पुराने संगाती जानवर हमें सर्कस पोंचा देहें। अइसे बुरये टेम में खुद खों समझावे और दूसरों खों भभकी देवे कभऊं कभऊं आइना के सामने घुर्रा देत और अपनी ही परछाई से के देत,,, ‘ टाइगर जिंदा  है ‘
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