BY SUPRIYA SINHA
ज़िंदगी में अगर कुछ पाना है,
फिर मुश्किलें तो महज़ एक बहाना है।
ये कहना है अशरफ अली का, जिन्होंने यूँ तो अपनी मंज़िल को पाने के लिए कई काम किए है, लेकिन मुख्य रूप से वो छत्तीसगढ़ फ़िल्म इंडस्ट्री के एक जाने माने कलाकार है।
छत्तीसगढ़ के ही एक छोटे से कस्बे तख़्तपुर से अपनी स्कूलिंग करने के बाद, इन्होंने बिलासपुर को अपनी कर्मभूमि मान लिया। और आज छोलीवुड इंडस्ट्री तक का सफर तय कर, कई शानदार फिल्में अपने नाम की हैं।
जहां आज के समय मे हर व्यक्ति शानो-शौकत और चकाचौंध के पीछे दौड़ रहा है। वहीं अशरफ अली आज भी अपनी ज़मीन से जुड़े रहना पसन्द करते है। ये छोलीवुड इंडस्ट्री के एक उभरते हुए कलाकार है। जिनका काम छत्तीसगढ़ के लोगों को काफी पसन्द आ रहा है।
अशरफ अली अभी तक कई फिल्मों में काम कर चुके है जैसे – ले चल नदिया के पार, प्रेम के बंधना, आजा नदिया के पार, प्रेम संगिनी,असली सुपरस्टार, पहली नज़र का प्यार, तोर सुरता आथे संगी। इनमे से कई फिल्में पहले से ही रिलीस हो चुकी है तो, कुछ अभी सिल्वर स्क्रीन पर अपना जादू बिखेरने को बिल्कुल तैयार है।
इनकी पहली फ़िल्म ले चल नदिया के पार छत्तीसगढ़ की सबसे शानदार फिल्मों में से एक रही है। इसीलिए इसमे अशरफ अली अपनी बेहतरीन अदाकारी के साथ सर्वश्रेष्ठ नए कलाकार यानी कि बेस्ट डेब्यू एक्टर का अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं।
एक्टिंग के शौकीन तो अशरफ़ बचपन से ही रहे हैं, फिर चाहे वो उनके स्कूल में होने वाले नाटकों का हिस्सा बनने की बात हो, या फिर बड़े होने पर थिएटर ग्रुप्स के साथ जुड़कर काम करने की बात। अशरफ़ कहते है कि “बचपन का एक्टिंग का शौक़ धीरे धीरे कब ज़िन्दगी का सपना बन गया, और कब मैं उस सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक करने लग गया कुछ पता ही नही चला।” फ़िल्म लाइन में आने के पहले अशरफ मॉडलिंग में भी एक दफा अपना हाथ आज़मा चुके है, जिसमे वो Mr. Bilaspur का खिताब भी हासिल कर चुके है।
अशरफ छोलीवुड इंडस्ट्री में सुपरस्टार अनुज शर्मा और राजकुमार राव को अपने एक्टिंग आइडल के रूप में देखते है। यहां तक कि इनको अपनी दूसरी ही फ़िल्म प्रेम के बंधन में अपने आइडल और छोलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता अनुज शर्मा के साथ काम करने का भी मौका मिल चुका है।
जिसके बाद आज छोलीवुड इंडस्ट्री में, कलाकार अशरफ अली किसी भी तरह के परिचय के मोहताज नही है। एक्टिंग को अपना पहला और आखिरी प्यार मानकर, उसको हासिल करने के लिए अशरफ ने बतौर सहायक निर्देशक भी काम किया है। जो कि उनकी कला को और भी बेहतरी से समझने में काफी मददगार भी साबित हुआ है।
इसके साथ ही ये कई वीडियो एलबम्स में भी नज़र आ चुके है। अभी बतौर अदाकार तो उनको कई फिल्मों के ऑफर मिल ही रहे हैं। लेकिन उसके साथ ही वो अपने खुद के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनने वाले कई प्रोजेक्ट्स में आजकल जुटे हुए है, जिसका मकसद नए प्रतिभावान कलाकारों को मौका देने के साथ साथ अपनी संस्कृति और फ़िल्म इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देना है।
एक कलाकार होने के नाते अशरफ अपने किरदार से बेहद मोह रखते है फिर चाहे वो एक हीरो का हो, या फिर किसी खलनायक का। वो किसी भी किरदार को अच्छे, बुरे, छोटे या बड़े के पर्दे से नही देखते है, उनके हिसाब में हर किरदार अनोखा और काफी अहम होता है। उनका मानना है कि रील लाइफ या ये फिल्मी दुनिया उनको, एक ही जीवन मे कई किरदार निभाने का, उनको जीने का और महसूस करने का मौका देती है, जो कि सब को नसीब नही होता है। और ये जो मौका उनको मिला है तो वो उसका भरपूर फायदा उठाना चाहते है, उसको पूरी तरह से जीना चाहते है।
इतने वक़्त से इस इंडस्ट्री का हिस्सा होने के बावजूद भी अशरफ खुद को एक मामूली और आम कलाकार के रूप में ही देखते है। और इनका तो यहां तक भी कहना है कि “मै आज भी अभिनय की दुनिया मे खुद को एक learner के रूप में ही देखता हूँ। क्योंकि मै अपनी हर फ़िल्म में मेरे सह कलाकारों से कई चीजें सीखता हूँ। इसीलिए मेरा मानना है कि हर व्यक्ति जीवन के हर पड़ाव में अपने आस पास के लोगों से कई बातें सीखता है। और इसी चीज़ को ध्यान में रखते हुए, हम सब को अपने जीवन को एक learning attitude के साथ जीना चाहिए।”
ये तो हुई अशरफ के फिल्मी करियर से जुड़ी कुछ बातें लेकिन अगर उनकी आम ज़िन्दगी की बात करी जाए तो वो उसमे भी अपने किरदारों की तरह एकदम सुलझे हुए और सादा जीवन जीने वाले एक व्यक्ति है। उनका छोलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े रहना और काम करने का अपना इंटरेस्ट तो है ही, लेकिन इसके साथ ही साथ उनका मकसद छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जिंदा रखना भी है। अपनी भाषा को और अपनी इंडस्ट्री को भी दूसरी रीजनल भाषाओं और इंडस्ट्रियों की तरह आगे बढ़ते देखना उनका एक एहम सपना हैं।