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किन्नरों के बारे में अनसुने सच | Gajab Gauchhar | AMAZING FACTS

  1. जी दरअसल किन्नरों की परम्पराएं हिन्दू धर्म की जैसी ही होती हैं लेकिन उनके गुरु मुस्लिम हैं। जी हाँ, आप सभी ने देखा ही होगा किन्नर हिन्दू धर्म को मानने वाले होते हैं लेकिन जब बात उनके गुरु की आती है तो वह मुस्लिम हो जाते हैं।
  2. जिस तरह आम लोग अपने घर में बच्चे के आने पर जश्न धूम-धाम से मनाते हैं वैसे ही किन्नर के समाज में भी होता है। जी दरअसल बहुत कम लोग जानते हैं कि किन्नर अपने खेमे में आने वाली अपनी नयी साथियों का स्वागत बहुत बड़ा जश्न मनाकर करते हैं। केवल इतना ही नहीं वह उसे सजाते भी हैं और उसके आने की ख़ुशी मनाते हैं।
  3. शादी सभी के लिए ख़ास होती है फिर वह किसी की भी हो। वहीं बहुत से लोग मानते हैं कि किन्नरों की शादी नहीं होती है लेकिन ऐसा नहीं है। जी दरअसल किन्नरों की शादी तो होती है लेकिन बिलकुल अनोखी और अलग, और उनकी शादी एक साल में केवल एक दिन के लिए होती है। जी दरअसल किन्नर की शादी उनके भगवान के साथ होती है और उनके भगवान का नाम इरावन है।
  4. आप जानते ही होंगे कि किन्नर का जीवन कोई पसंद नहीं करेगा फिर भले ही वह किन्नर ही क्यों ना हो लेकिन वह अपने मिजाज से हँसमुख और खुश ही नजर आते। बल्कि अगर देखा जाए तो सच तो यह है कि किन्नर अपने जन्म से खुश नहीं होते हैं वह अपने पूरे जीवन में यही दुआ मांगते हैं कि वह अगले जन्म में कभी गलती से भी किन्नर ना बने।
  5. दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपना गुरु बनाते हैं और गुरुदीक्षा लेते हैं। वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि किन्नर के भी गुरु होते हैं। केवल इतना ही नहीं किन्नर के गुरु को यह तक पता होता है कि आखिर उस किन्नर की मौत कब होने वाली है।
  6. लोग कहते हैं दुनियाभर में पुरुष में काफी बल होता है लेकिन पुरुष के जितना ही बल एक किन्नर में भी होता है और किन्नर ने इतिहास के समय में जंग लड़ी है और जीत भी हांसिल की है। केवल इतना ही नहीं बल्कि किन्नर को लेकर यह भी कहा जाता है वह कभी किसी के यहाँ मातम में नहीं जाते हैं बल्कि वह हमेशा ख़ुशी में शामिल होने जाते हैं।
  7. किन्नरों के अंतिम संस्कार को लेकर भी कई रहस्य हैं जो चौकाने वाले हैं। कहा जाता है किन्नरों का अंतिम संस्कार गैर-किन्नरों से छुपाकर करते है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाला फिर से किन्नर बनकर वापस जन्म लेकर लौटता है। किन्नर के शव को जलाते नहीं है बल्कि उनके शव को दफनाते हैं। किन्नर के अंतिम संस्कार से पहले उसके शव को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है और ऐसा इसलिए क्योंकि इससे उसके उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है। केवल इतना ही नहीं बल्कि अपने समुदाय में किसी किन्नर की मौत होने के बाद किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना देखते भी नहीं है।
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