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आखिर चिप्स के पैकेट में हवा का क्या मतलब?#fact about chipspacket#how many chips quantity in packet
- पहली बात तो हमे ये जानना चाहिए की इन पैकेट्स में नार्मल गेस नहीं होती है…चिप्स के पैकेटों में नाइट्रोजन भरी जाती है…
- वैसे तो चिप्स के पैकेट में हवा भरने के पीछे की वजह बताई जाती है कि आलू या किसी भी चीज के चिप्स नाजुक होते हैं, अगर पैकेट में हवा नहीं होगी, तो आपस में टकरा कर टूट या ख़राब हो सकते है या फिर कह सकते है की हवा के बिना हाथ लगाने से भी चिप्स टूट जाएंगे…इसकी वजह से चिप्स के पैकेट में हवा भरी जाती है.
- चिप्स के पैकेट में हवा भरने के पीछे एक ओर थ्योरी और है…और वो साइंटिफिक है. ऑक्सीजन को बहुत ही रिएक्टिव गेस माना जाता है, ये किसी भी (partical) के साथ बहुत जल्दी react कर सकती है…ऑक्सीजन के रिएक्टिव होने कारण ही बेक्टीरिया वगेरह पनपते है. इसलिए खाने-पीने की चीजों को …अधिक समय तक अगर खुले में रखे तो वो खराब हो जाती है. इसलिए चिप्स के पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है. ..नाइट्रोजन ऑक्सीजन के comparision में कम रिएक्टिव गैस होती है…
- अब इतनी बाते सुनकर आपके मन में भी ख्याल आया होगा की आखिर चिप्स के पैकेज में नाइट्रोजन गैस का ही क्यो use किया जाता है तो इसके पीछे एक खास वजह है. नाइट्रोजन गैस colour less, odorless,और teast less होती है…और ये less reactive भी होती है… इसलिए चिप्स के पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरना सेफ रहता है. नाइट्रोजन गैस से चिप्स पैकेट को ट्रांसपोर्टेशन में आसानी होती है. साथ ही ये गैस चिप्स को लंबे समय तक क्रिस्पी बनाए रखती है.
- अगर हम देखे तो 25 रुपए से कम में बिकने वाले चिप्स जेसे Lay’s चिप्स के एक पैकेट में 85 प्रतिशत तक नाइट्रोजन भरी होती है और अंकल चिप्स के एक पैकेट में 75 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है. वहीं, बिंगो मेड एगल्स के एक पैकेट में 75% नाइट्रोजन गैस भरी होती है इस बात का दावा eattreat नाम की एक वेबसाइट ने किया..