आस्था

माँ बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर की है बहुत मान्यता, दर्शन से सभी कष्टों का हो जाता है निवारण।

यूपी के महोबा समेत समूचे बुंदेलखंड में मां बड़ी चंद्रिका देवी की काफी मान्यता है. कहा जाता है कि यहां मां के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी दुखों का हो जाता है निवारण।

महोबा चंद्रिका देवी मंदिर

ऐसी मान्यता है कि शक्तिपीठों के दर्शन मात्र से लोगों के कष्टों का हो जाता है निवारण. उत्तर प्रदेश के महोबा स्थित माँ ‘बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर’ भी 51 शक्ति पीठों में से एक है. इस मंदिर के दर्शन का प्राचीनकाल से ही काफी महत्व है. इस मंदिर की इतनी मान्यता है कि महोबा ही नहीं अपितु समूचे बुंदेलखंड से लोग यहां माथा टेकने आते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. नवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों की उमड़ती है भारी भीड़.

मंदिर में मां चंद्रिका देवी की 10 फीट ऊंची विशाल मूर्ति है

कहा जाता है कि महोबा की मां बड़ी चंद्रिका देवी का आशीर्वाद लेने के उपरांत ही बुंदेलखंड के वीर आल्हा-ऊदल युद्ध मैदान में उतरा करते थे. वे सर्वप्रथम मां के चरणों में तलवार रखकर प्रार्थना किया करते थे और उसके बाद ही दुश्मनों से लोहा लेते थे. मां चंद्रिका देवी के मंदिर और मूर्ति की स्थापना 831 ईस्वी में महोबा के तत्कालीन राजा कीर्ति चंद्र वर्मन द्वारा कराई गई थी. मंदिर के भीतर मां चंद्रिका की 10 फीट ऊंची विशाल मूर्ति है. इस प्रतिमा के 18 हाथ हैं.

मां चंद्रिका की प्रतिमा दिन में कई बार रूप बदलती है

वैसे तो मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. ऐसी मान्यता है कि मन को असीम शांति प्रदान करने वाली मां चंद्रिका की प्रतिमा दिन में कई बार रूप बदलती है और भक्तों की सभी मनोकामनाओं पूरा करती हैं.

कैसे पहुंचे चंद्रिका देवी के मंदिर तक

चंद्रिका देवी का मंदिर महोबा मुख्यालय के छतरपुर मार्ग पर राजकीय वीरभूमि महाविद्यालय के सामने मुख्य मार्ग पर स्थित है माँ का भवन. महोबा तक कोई सीधा वायु मार्ग नहीं है. सबसे पास का एयरपोर्ट मध्यप्रदेश के खजुराहो में है. यहा से 54 किमी की दूरी है माँ चंद्रिका देवी का मंदिर. वहीं यूपी का कानपुर स्थित चकेरी एयरपोर्ट 134 किमी दूर है. वहीं रेलमार्ग की बात करें तो मंदिर से नजदीक रेलवे स्टेशनों में महोबा जंक्शन, झांसी जंक्शन, खजुराहो एवं बांदा जंक्शन है. इसके अलावा सड़क मार्ग से भी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.

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