बुंदेली

बुंदेली बतरस – सूखे संख बजा रये भैरों

सूखे संख बजा रये भैरों
घर-घर मंगता आ रये भैरों
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भाषण का ?तोता रटंत है
माइक देख लजा रये भैरों
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गंगा जू बीमार डरीं हैं
कसमें कोरीं खा रये भैरों
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जात-पांत की बातें सुन लो
खा रये और खुवा रये भैरों
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मालिक हैं खोते सिक्कन के
मूर्ख रोज चला रये भैरों
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उठी-उठाई हाट पुरानी
मौसम देख सजा रये भैरों
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विधि-विधान सब छन्ना-छन्ना
खुद कौ रोज पूजा रये भैरों
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चलौ अचल जू बखर उठाओ
हम सब ले के जा रये भैरों
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@ राकेश अचल

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