Written by :- vipin vishwakarma
दोस्तों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इनदिनों भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। और इस दौरान राहुल गांधी बढ़ी हुई दाढ़ी के लुक में दिखाई दे रहे हैं दिख रहे हैं। उनकी इस बढ़ी हुई दाढ़ी पर असम के मुख्यमत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुछ ऐसा कहा जिस पर कांग्रेस उन पर हमलावर है। जी हाँ हाल ही में गुजरात में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राहुल गांधी को रूप बदलना है तो सरदार वल्लभभाई पटेल या जवाहरलाल नेहरू जैसा बनाइए। लेकिन आप अपना चेहरा सद्दाम हुसैन जैसा क्यों बना रहे हैं। हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान पर कांग्रेस की ओर से कहा गया कि असम के सीएम जब इस तरह के बयान देते हैं तो ट्रोल जैसे लगते हैं। हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी के लिए यह बात सिर्फ ऐसे ही कही होगी ऐसा भी नहीं कहा जा सकता है। एक वक्त ऐसा भी था जब सद्दाम हुसैन ने इंदिरा गांधी की अटैची पकड़ी थी और उन्हें बगदाद में रहने का ऑफर दिया था।
सद्दाम हुसैन इंदिरा गांधी
आपको बता दे कि साल 1965 में भारत-पाक युद्ध में इराक ने किसी का पक्ष नहीं लिया। वहीं 1971 की भारत-पाक की लड़ाई में इराक ने पाकिस्तान का पक्ष लिया। हालांकि इसके बावजूद भी भारत और इराक के संबंध बिगड़े नहीं थे। वहीँ साल 1975 जब इंदिरा गांधी इराक की यात्रा पर थीं। इस यात्रा के दौरान मेजबान सद्दाम हुसैन ने उनकी अटैची उठाई थी। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी जब लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी हार गईं थी उस वक्त उनको बगदाद में स्थाई आवास की पेशकश सद्दाम हुसैन की ओर से की गई थी। वहीँ इंदिरा और राजीव गांधी के जमाने में बगदाद में भारत के राजदूत और बाद में देश के विदेश सचिव रहे रोमेश भंडारी ने एक वक्त कहा कि सद्दाम हुसैन इंदिरा गांधी और भारत के बड़े प्रशंसक थे । इंदिरा गांधी के बाद जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने तो सद्दाम हुसैन से उनकी भी मित्रता हो गई। खाड़ी युद्ध के वक्त रोमेश भंडारी को इराक भेजकर सद्दाम हुसैन को अपना संदेश भेजा था। रोमेश भंडारी ने कहा था कि जब भारत के सामने तेल का संकट खड़ा हुआ तो सद्दाम ने एक अरब बैरल तेल उधार दे दिए।
राहुल गांधी ने भी सद्दाम हुसैन का नाम लेकर साधा था निशाना
पिछले साल की बात है जब राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू में सद्दाम हुसैन का नाम लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। एक इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इराक में सद्दाम हुसैन और लीबिया में गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि वहां लोकतंत्र था। राहुल गांधी ने कहा था कि इलेक्शन केवल यह नहीं है कि पब्लिक गई और वोटिंग मशीन का बटन दबा दिया। कौन सा नैरेटिव गढ़ा जा रहा है, देश के भीतर शासन-प्रशासन के सभी तंत्र सही से काम कर रहे हैं या नहीं, न्यायपालिका निष्पक्ष है कि नहीं और संसद में किन मुद्दों पर बहस हो रही है, चुनाव का संबंध इन सबसे होता है। राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई थी। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष देश में ऐसे हालत बने जब यहां आपातकाल लगा था। बीजेपी नेताओं ने कहा कि कि राहुल गांधी ने देश के मतदाताओं का अपमान किया है।