शिवाजी पर महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान से सियासत गरमाई
Written by :- vipinvishwakarma
छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी छारो तरफ से घिर गए हैं हर तरफ उनकी आलोचना हो रही हैं और उनके विरोध में अब शिंदे गुट भी शामिल हो गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने मंगलवार को भाजपा से राज्यपाल को हटाने की मांग कर दी। गायकवाड़ ने कहा- राज्यपाल को इतिहास की जानकारी नहीं है। उन्हें राज्य से बाहर भेज देना चाहिए।
इधर, शिंदे गुट की नाराजगी के बाद भाजपा भी क्राइसिस मैनेजमेंट में जुट गई है। शाम करीब साढ़े 4 बजे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने योशल मीडिया पर अपना बयान पोस्ट किया। वीडियो में वे एक कार्यक्रम में बोलते दिख रहे हैं। गडकरी ने कहा- शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं। हम उनका माता-पिता से भी ज्यादा आदर करते हैं।
राज्यपाल का बयान
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को कहा था कि शिवाजी पुराने दिनों के आइकॉन थे। उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को राज्य का आइकॉन बताया था। राज्यपाल ने औरंगाबाद में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और NCP अध्यक्ष शरद पवार को डी लिट देने के लिए आयोजित समारोह में यह बात कही थी। राज्यपाल के इस बयान पर उद्धव ठाकरे और NCP ने विरोध दर्ज कराया था।
शिंदे गुट के विधायक गायकवाड़ ने कहा…
संजय गायकवाड़ ने कहा, ‘राज्यपाल को यह समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी भी महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती है। केंद्र में भाजपा नेताओं से मेरा अनुरोध है कि एक ऐसा व्यक्ति जो राज्य के इतिहास को नहीं जानता है और यह कैसे काम करता है, इसे कहीं और भेजा जाए।’
नितिन गडकरी का क्राइसिस मेनेजमेंट
नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम को मराठी में संबोधित करते हुए कहा- शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं। हमारे अंदर मां और पिता से भी अधिक शिवाजी महाराज के प्रति निष्ठा है। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श है। वे यशस्वी, कीर्तिवान, सामर्थ्यवान जनता राजा थे। वे दृढ़ संकल्प के महामेरु, अभंग श्रीमंत योगी थे। वे डीएड, बीएड कर लेने वाले राजा नहीं थे।
बयान के खिलाफ NCP ने प्रदर्शन किया था
राज्यपाल कोश्यारी के इस बयान के बाद NCP ने पुणे में उनका पुतला बनाकर प्रदर्शन किया गया। NCP नेता प्रशांत जगपात ने कहा था कि केंद्र सरकार शिवाजी से प्रेम करने वालों की परीक्षा ले रही है। अगर अगले दो दिनों में राज्यपाल का तबादला नहीं हुआ तो महाराष्ट्र के लोग कड़ा विरोध करेंगे।
कांग्रेस-शिवसेना ने भी कोश्यारी के बयान के विरोध में
राज्यपाल पहले भी महाराष्ट्र को लेकर इस तरह के बयान दे चुके हैं। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि गुजराती और राजस्थानी कारोबारियों के चलते महाराष्ट्र में पैसा आया है। उन्होंने कहा था कि अगर मुंबई से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाए तो शहर के पास न तो पैसे बचेंगे और ना आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। हालांकि उन्होंने इस पर माफी मांग ली थी।