चित्रकूट : कांग्रेस का हाथ छोड़ हाथी में सवार हुए पुष्पेंद्र सिंह, बुंदेलखंड में कांग्रेस को झटका
चित्रकूट । एक माह से लगाए जा रहे अटकलों के दौर अंत हुआ। जिले के कद्दावर नेता कांग्रेस पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने अंतत: बसपा सुप्रीमो मायावती पर आस्था जताते हुए बसपा का दामन थाम लिया। उनके इस निर्णय से समर्थकों सहित क्षेत्र वासियों ने खुशी जताई। क्षेत्रीय आवाम की मानें तो पुष्पेंद्र सिंह कांग्रेस में ऐसे नेता थे जिन्हें सभी वर्गों ने समर्थन किया था। पहली बार 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी सफर की शुरुआत करते हुए चुनाव लड़ें। तब कांग्रेस की नैया जनाधार न? होने के चलते डगमगा रही थी। हालांकि कि इस चुनाव में चुनौती को स्वीकार करते हुए उन्होंने कांग्रेस का वोट बैंक जरूर बढ़ाया था लेकिन चुनाव हार गए थे। वह अपने व्यवहार के दम कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ाने में कामयाब रहे और चुनाव में तीसरे स्थान पर रहें। अब अगर 2022 में बसपा 236 चित्रकूट विधानसभा से पुष्पेंद्र सिंह पर दांव लगाते हुए मैदान पर उतारती है तो परिणाम जरूर अप्रत्याशित हो सकते हैं। लोगों का मानना है कि बसपा का मूल वोट बैंक 23 प्रतिशत है। इसके पूर्व बसपा से ही रामसेवक शुक्ला व जगदीश गौतम चुनाव लड़े से लेकिन इन्हें सामान्य वर्ग का बोट कम ही मिला था। बसपा में पुष्पेंद्र सिंह के आने पर अन्य राजनैतिक दलों की बेचैनी बढ़ गई है। क्योंकि पुष्पेंद्र सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रदेश महासचिव व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य रह चुके हैं। बता दें कि पुष्पेंद्र सिंह बसपा सुप्रीमो मायावती का आशीर्वाद लेकर लखनऊ में ही मुख्य कोऑर्डिनेटर लालाराम अहिरवार व जिलाध्यक्ष चित्रकूट शिव बाबू की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ छोड़ हाथी में सवार हो गए है। इस खबर से क्षेत्र की जनता वह बहुजन समाज पार्टी में खुशी की लहर है अब देखते हैं कि आने वाला 2022 का चुनाव पुष्पेंद्र सिंह व बसपा के लिए कितना चमत्कारी सिद्ध होता है।