कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला हॉकी टीम से हुई ‘बेईमानी’
भारतीय महिला हॉकी टीम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल की रेस से बाहर हो चुकी है. सेमीफाइनल में उसे ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया. हालांकि ये मैच उस वक्त विवादों में घिर गया जब मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक गया और घड़ी से जुड़े विवाद की वजह से ऑस्ट्रेलिया को फायदा मिला और टीम इंडिया मैच हार गई. टीम इंडिया की इस हार के बाद सोशल मीडिया पर लगातार एफआईएच के खिलाफ बयानबाजी हो रही है. इसी बीच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी ऐसी बात कही है जो सोशल मीडिया पर वायरल टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के महिला हॉकी के सेमीफाइनल मैच के बाद ट्विटर पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। भारतीय कप्तान सविता ने बड़ी ही चालाकी से ऑस्ट्रेलिया का पेनल्टी शूटआउट रोका था, लेकिन अंपायर ने इसे यह कहकर अमान्य करार दिया कि क्लॉक स्टार्ट ही नहीं हुआ था।
कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे बड़े इवेंट में इस तरह की लापरवाही वह भी इतने अहम मैच में, यह किसी से पच नहीं रहा है। ट्विटर पर लोग कह रहे हैं कि भारत ऑस्ट्रेलिया से नहीं बल्कि बेईमानी से हारा है वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट कर लिखा कि चूंकि भारत अभी हॉकी में सुपरपावर नहीं है इसलिए घड़ी खराब हुई थी. जब भारत सुपरपावर बनेगा तो घड़ी सही समय पर चलेगी. सहवाग ने ट्वीट किया, ‘पेनल्टी मिस हुई ऑस्ट्रेलिया से और अंपायरों ने कहा सॉरी घड़ी शुरू नहीं हुई. जब तक हम क्रिकेट में सुपरपावर नहीं थे तब क्रिकेट में भी ऐसा होता था.
हॉकी में भी जल्द बनेंगे और सभी घड़ियां समय पर शुरू होंगी. अपनी लड़कियों पर नाज़ है वही अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला टीम की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के दौरान घड़ी से जुड़े विवाद पर माफी मांगी है. साथ ही एफआईएच ने जांच के आदेश भी दिए हैं. एफआईएच ने बयान में कहा, ‘बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया और भारत की महिला टीमों के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच के दौरान शूटआउट गलती से बहुत जल्दी शुरू हो गया था (तब घड़ी संचालित होने के लिए तैयार नहीं थी) जिसके लिए हम माफी मांगते हैं.’ बयान में आगे कहा गया है, ‘इस तरह की परिस्थिति में दोबारा पेनल्टी शूटआउट लेने की प्रक्रिया है और ऐसा किया भी गया. एफआईएच इस घटना की पूरी जांच करेगा ताकि भविष्य में इस तरह के मसलों से बचा जा सके.’