विशेष लेख- मेघा श्रीवास्तव
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान व प्रशंसा को प्रकट करते हुए इस दिन को मनाना चाहिए। आज की महिलाओं को समय के साथ सशक्त होना अति आवश्यक है। हमने पाया है कि आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह राजनीतिक हो ,आर्थिक हो, या सामाजिक हो सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने प्रसिद्धि व महारत हासिल की है। महिलाओं को आत्मसम्मान का होना जरूरी है। मानव अधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ आत्मनिर्भरता के लिए कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि आज का दौर डिजिटलाइजेशन का है तो खुद में सशक्त व मजबूत होना आवश्यक है। यदि वे खुद को मजबूत बनाएगी तो काफी हद तक समाज के दरिंदों से खुद को सुरक्षित कर पाएगी। आज सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न हेल्पलाइन गाइडलाइंस व सुविधाएं उपलब्ध करायी जिसका वह निसंकोच उपयोग कर सकती है। एक लड़की व महिला को स्वयं में आत्मनिर्भर व सक्षम सक्षम होना बहुत ही जरूरी है। यदि वह अपने आप में सक्षम है तो जीवन में परेशानियों का सामना करने की हिम्मत रख सकेगी। अपने घर की बेटियों को मार्शल आर्ट पुलिस हेल्पलाइन नंबर आदि सुविधाओं से अवगत कराएं। जो महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं वहां की नियुक्ति कर्मचारी को महिलाओं का सम्मान करते हुए उसे अपनी मां बहन वाला स्थान देना चाहिए ताकि वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करें। हमारे बीच में तो नारी को देवी की तरह पूजा जाता है। जैसे हम नवरात्रि में मां की आराधना करती हैं वैसे ही महिलाओं को देवी की तरह सम्मान देना जरूरी है।
या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्था, नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः