लगातार दो दिन से नदियों के कम होते जलस्तर से जिंदगी फिर से पटरी पर आने लगी है। गरीबों के घरों से पानी छंटने से अब ये लोग फिर वहां का रुख करने लगे हैं। सड़कों पर वाहन भी नजर आने लगे हैं। तिरहार क्षेत्र तथा समतली इलाकों में बाढ़ के कहर के बाद धीरे धीरे जलस्तर कम हो रहा है। बुधवार के बाद गुरुवार को भी जलस्तर घटने का सिलसिला जारी रहा। चौबीस घंटे में यमुना का जलस्तर 96 सेमी तक घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है। सरधुआ-कमासिन मार्ग पर वाहनों का आवागमन फिर से चालू हो गया है। उप जिलाधिकारी राजापुर राजीव कुमार राय ने बताया कि सरधुआ- कमासिन मार्ग से पूरी तरह पानी खिसक गया है और मलबे को सफाईकर्मियों को लगाकर हटाया जा रहा है। छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। सरधुआ-अर्की मार्ग पर अभी लगभग सात फुट पानी होने के कारण नाव चलाई जा रही है। पानी खिसकने के बाद उस मार्ग का मलबा हटाने का काम युद्ध स्तर पर कराया जाएगा। बताया कि अर्की गांव अब पूरी तरह से सुरक्षित है और वहां लोग घरों में वापसी करने लगे हैं। उधर, मऊ में भी जलस्तर कम हो रहा है और वहां भी लोग अब घरों को लौटने लगे हैं।
लगातार कम होता जा रहा है जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग शाखा राजापुर के साइट इंचार्ज सूर्यकांत साहू ने बताया कि यमुना का जलस्तर बराबर कम होता जा रहा है जो 91.10 मीटर तक पहुंच चुका है और बराबर कम होता जा रहा है। जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है।