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मोहन्द्रा: सेना से रिटायर हुए कैप्टन का जोरदार स्वागत

*गाँव के सपूत को उत्साह के साथ लेने पहुँचे महोड़ ग्रामवासी*

भारतीय सेना को 26 साल अपनी सेवाएं देने के बाद कैप्टन आईडी पांडे जब अपने ग्रह ग्राम महोड़ मुख्य सड़क मार्ग तिघरा पहुंचे तो देख कर प्रसन्नचित्त हो गए। ग्रामीणों द्वारा कैप्टन के स्वागत सम्मान के लिए वृहद तैयारी के साथ डीजे आतिशबाजी जिप्सी कार लिए तैयार खड़े थे। लोगों का हुजूम बूढ़े से लेकर बच्चों तक महिलाओं सभी लोग अपने माटी के जवान के स्वागत सम्मान में तत्पर खड़े हुए थे।
वर्ष 1994 में सेना में सैनिक के तौर पर भर्ती हुए आई डी पाण्डेय का अपने देश मातृभूमि की सेवा में बहुत बड़ा योगदान रहा। 1999 में कारगिल लड़ाई में अपनी भूमिका और दिसंबर में हुए संसद पर हमले को लेकर देश की सुरक्षा ऑपरेशन पराक्रम राजस्थान बॉर्डर पर तैनात रहे।
उसके बाद 2003 एलओसी फेंसिंग के लिए तंगधार पाकिस्तान बॉर्डर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया और देश की सेवा के लिए डटे रहे।
वर्ष 2005 में इन्हें आर्मी में सूबेदार पद पर प्रमोट किया गया। जिम्मेदारी बढ़ने के साथ वर्ष 2006 में तंगधार आए हुए भूकंप में ऑपरेशन दीवार में लोगों का आशियाना बनाने में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। वर्ष 2009 में कारगिल से 27 किलोमीटर दूर खुंबा चांग बर्फ स्लाइडिंग की वजह से इन्हें फीमर फैक्चर हुआ। और इन्हें इलाज हेतु मिलिट्री हॉस्पिटल कारगिल से श्रीनगर इलाज के लिए शिफ्ट किया गया। इसके उपरांत कैटेगरी की वजह से हाइटी पर जाना प्रतिबंधित हुआ और इन्हें इंजीनियरिंग रेजीमेंट बीकानेर पोस्टेड किया गया। काफी समय तक लोगोवाला एवं तनोट माता मंदिर राजस्थान क्षेत्र में तैनात रहे।
वर्ष 2019 में सूबेदार मेंजर पद पर प्रमोशन प्राप्त किया। अपनी सेवाएं देते हुए पठानकोट में ऑर्डिनरी कमीशन लेफ्टिनेंट बनाए गए और अगला प्रमोशन आर्मी में कैप्टन का प्राप्त कर। जनवरी 2021 में पेंशन आउट किए गए। लंबे समय तक देश की सेवा के लिए तत्पर रहें कैप्टन आईडी पांडे का योगदान पन्ना जिले सहित समूचे क्षेत्रांचल के लिए गर्व का विषय है। जो फलस्वरूप कैप्टन के घर पहुँचने पर लोगों की बधाइयां देने वालो का तांता लगा हुआ है।

✍️आकाश बहरे

 

 

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