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मोहन्द्रा: आखिर चोरी की घटनाएं रोकने में क्यों गंभीर नहीं है मोहन्द्रा पुलिस ??

5 वर्ष में लगभग 50 चोरी की घटनाएं खुलासा एक का भी नहीं
मोहंद्रा- पुलिस चौकी मोहंद्रा अंतर्गत बीते मंगलवार रात्रि बीच बस्ती में हुई चोरी की घटना के बाद लखेरा दंपति सहित कस्बे में चोरी की घटनाओं को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ असंतोष व्याप्त है. रुंधे हुए गले से लखेरा दंपत्ति ने इस संवाददाता से बात करते हुए कहा कि उसकी चोरी भले ₹50000 की हुई है पर यह उसके जीवन की कुल जमा पूंजी थी.

जिसे खोकर वह लगभग बर्बाद हो गया है. पुलिस के रवैए पर निराशा और गुस्सा जाहिर करते हुए गोलू उर्फ सुरेंद्र लखेरा ने कहा कि पुलिस का रवैया सहयोग करने के बजाय आपस में उलझाने का है. पुलिस का कहना है कि तुम्हें किसी पर संदेह हो तो बताओ. बतौर गोलू वह रात में फेरी बंजी का कार्य पूरा कर घर लौटता है. ऐसे में इन संदिग्ध तत्वों का नाम लेने के बाद अगर कोई उसे अंधेरे में एकांत का फायदा उठाकर मारने पीटने लगे तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा, और जब उसे ही संदेही का नाम बताना है तो फिर पुलिस किसलिये है. क्या मोहन्द्रा में चोरी की घटना हो जाने को स्थानीय पुलिस के साथ-साथ उच्च स्तर के अधिकारी भी गंभीरता से नहीं लेते. प्रथम दृष्टया तो यही जान पड़ता है, कि चोरी की पचासों घटनाएं सामने आने के बाद भी पुलिस पीड़ित से संदेही का नाम पूछने के बजाए ऐसे संदिग्ध लोगों को तलब कर घटना दिनांक के दिन उनकी मौजूदगी की बारीकी से पड़ताल क्यों नहीं करती. वर्तमान चौकी प्रभारी प्रियंका पटेल के कार्यकाल में तो संभवत: चोरी का यह पहला मामला है पर इसके पूर्व विगत 5 वर्षों के दौरान चौकी अंतर्गत लगभग आधा सैकड़ा ताला टूटने या चोरी की घटनाएं घटी पर पुलिस ने एक भी घटना का खुलासा नहीं किया. फलस्वरूप चोरों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद हो रहे हैं. लोगों का यहां तक कहना है कि क्या पुलिस किसी डकैती जैसी बड़ी व गंभीर घटना के इंतजार में हैं.

✍️आकाश बहरे
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