शैलेन्द्र पटैरिया, कोंच
भाई दूज के अवसर पर बहिनों ने भाईयों के तिलक कर आशीर्वाद दिया और लम्बी उम्र की प्रार्थना ईश्वर से की। बहिनों ने भाईयों के तिलक किया और मिष्ठान भी खिलाया। जिसके बाद भाईयों ने भी बहिनों को उपहार दिए और हर समय उनकी रक्षा करने का वचन भी दिया। भाई दूज का त्यौहार दीपावली के सामान्यतः तीसरे दिन आता है। रक्षाबंधन की तरह ही भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है, मात्र हांथ में राखी नहीं बांधी जाती है। शनिवार को पूरे दिन भाई दूज का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। बाजार में मिष्ठान की दुकानों पर मिठाई की खूब खरीददारी लोगों ने की। वहीं बहिनों द्वारा तिलक लगाने के पूर्व महिलाओं ने घर में दूज पर पूजा अर्चना की। सुबह से ही महिलाओं में घर में पकबान बनाकर घर के बाहर पूजा की गई। आज के दिन महिलाएं दरवाजे पर पूजा करने के बाद कटईया को कुचलती है और इसके बाद विधि विधान से घर के दो पहिया चार पहिया वाहनों को पूजा जाता है साथ ही घर में जो भी व्यवसाय होता है उसकी भी पूजा की जाती है। महिलाओं ने बड़े ही विधि विधान के साथ भैया दूज के दिन पूजा अर्चना की।