साहेब हमें बुवाई करनी है हमें खाद दिलवा दो, महोबा के बेवस किसान
कुलपहाड़/महोबा। डीएपी खाद को लेकर किसानों की परेशानी खत्म होने का अभी भी नाम नहीं ले रही है ।अधिकारी भले ही चाहे जितने दावे करें लेकिन खाद की किल्लत अभी भी बनी हुई है जिसके कारण किसान परेशान है। एग्री जंक्शन और को ऑपरेटिव सोसायटीओं में डीएपी खाद न होने के कारण किसान रवि की फसल की बुवाई नहीं कर पा रहै जिससे उनमें असंतोष व्याप्त हो रहा है यह असंतोष विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी पड़ेगा।
रबी की फसल की बुवाई का दूसरा सीजन प्रारंभ हो चुका है किसान गेहूं की बुवाई कर रहे है इसके लिए डीएपी खाद अत्यंत आवश्यक होता है लेकिन खाद न मिलने की वजह से बुवाई का सीजन पिछड़ रहा है जिससे उत्पादन भी कम होने की संभावना रहती है। वैसे तो अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि जिले में खाद की कमी नहीं है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है हा एग्री जंक्शन में 2 दिन से खाद नहीं है कोऑपरेटिव सोसाइटी में भी डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई है किसान संघ की गोदाम में भी खाद उपलब्ध नहीं है इसके का किसान मनमाने दामों पर ब्लैक में खाद लेने को मजबूर है। खाद की कमी के कारण किसानों में असंतोष व्याप्त है और यह असंतोष विधानसभा चुनाव में उभर कर बाहर आ गया तो भारतीय जनता पार्टी को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।