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हटा: मन्दिरों में सुबह से लगा शिवभक्तों का ताता, धूम धाम से छोटे सरकार के सानिध्य में निकली भोले की बारात

गौरीशंकर परिषर में शिव का शुभ विवाह

हटा- बुन्देलखण्ड की काशी कहे जाने वाली मंदिरों की नगरी हटा में महाशिवरात्रि के पर्व पर धूमधाम से हुआ शिव पार्वती विवाह।
हटा के पश्चिम क्षेत्र मे सुनार तट बने गौरीशंकर मन्दिर मे प्रतिबर्ष महाशिवरात्रि के पर्व पर होने वाले आयोजना के अनुसार इस वर्ष भी गौरी शंकर मन्दिर मे भव्य शिव पार्वती विवाह का आयेजन धर्मप्रेमियों द्वारा किया गया और भगवान शिव की धूमधाम से गाजे बाजे के साथ बारात में विभिन्न देवी देवताओं के साथ भूत प्रेत भी शामिल हुए। प्रतिबर्ष अनुसार इस बर्ष भी कावड़ यात्रा मित्र मंडली द्वारा बारात का आयोजन किया गया, जो नगर के कमला नेहरू वार्ड में स्थित शंकरजी के चूरतरा से शुरू की गई, बारात अगुवाई श्री रामअनुग्रह दास जी महाराज छोटे सरकार द्वारा की गई। इस अवसर पर भगवान शिव की बारात डीजे बैंड बाजों के साथ निकली। भगवान शिव की बारात में सभी शिव मस्ती झूम रहे थे।

कमला नेहरू वार्ड के शंकर जी मंदिर प्रांगण से बरात दोपहर को मंदिर मस्जिद चौराहा होते हुए बड़ा बाजार से भूतेश्वर धाम पहुंची,
जहां से बाराती भगवान शिव के साथ गौरीशंकर मंदिर पहुंचे।  इस दौरान बरात में सुर असुर दोनो के रूप रखे कलाकारो द्वारा भोले की बारात में भोले के सुंदर धार्मिक गीतों पर स्वर्गलोक के देवी देवताओं के साथ नाचते झूमते चल रहे थे।

बरात का स्वागत मंदिर मस्जिद चौराहे पर कौमीएकता की मिसाल कायम रखते हुए मुस्लिम समुदाय द्वारा छोटे सरकार एवं सैकड़ो बारातियो भव्य स्वागत किया गया, बारात में चल रहे शिव जी व झांकियों का जगह जगह तिलक अभिवादन हुआ।
वही देवश्री गौरीशंकर मंदिर में देवश्री का विशेष श्रंगार किया गया। विद्वान पंडितों के निर्देशन में मंदिर परिसर में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया। पुजारी रामसुजान पाठक के अनुसार यहां पर स्वंय भू भगवान शिव दूल्हा वेशधारण कर नंदी पर सवार होकर माता पार्वती को साथ लिऐ हुऐ है। जिसके बारे मे कह जाता है की इस तरह की प्रतिमा पूरे भरत बर्ष मे एक ही जो हटा के गौरी शंकर जी मन्दिर में विराजमान है। जिनके दर्शन को लोग सैकड़ो मील से खिंचे चले आते है। मंदिर स्थापना के साथ ही यहां महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। भक्तों के द्वारा शिव अर्चन के साथ ही गौरी शंकर मंदिर में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर शिवलिंग को सुनार नदी में विसर्जन किया गया।
जननेता कुँवर पुष्पेंद्र हजारी द्वारा बताया कि प्रतिबर्ष देवश्री गौरीशंकर मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जाते है। आज के दिन देवश्री की कृपा से विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है जिसमें समस्त धर्म के लोग सामिल होकर धर्मलाभ लेते है।

✍️रविकांत बिदोल्या
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