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ललितपुर: श्रद्धा से मनाओ गओ माता गुजरी व चार साहबजादो को शहीदी पर्व

गुरु सिंह सभा के तत्वाधान में माता गुजरी व चार साहबजादे भाई अजीत सिंह जी, भाई जुझार सिंह जी, भाई जोरावर सिंह जी, भाई फतेह सिंह जी का शहीदी पर्व बडे ही श्रद्धा के साथ गुरुद्वारा लक्ष्मीपुरा में मनाया गया। 7 दिनों से चल रहे इस कार्यक्रम में भटिंडा पंजाब से आए कथावाचक

हरजीत सिंह जी ढपाली ने माता गुजरी व चार साहबजादो के संबंध में बतलाया कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज ने महज 9 वर्ष की उम्र में अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी को कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया। उनकी शहीदी से हिंदुओं की रक्षा का एक कवच तैयार हो गया था क्योंकि मुगल आतंकी धर्मांतरण जोरों से कर रहे थे और गुरु गोविंद सिंह जी ने भी मुगल अत्याचारों से मुक्त कराने के लिए स्वयं अपने चार पुत्रों के साथ एवं माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित किया। महज 7 वर्ष की उम्र में, 9 वर्ष की उम्र में वजीर खा ने साहिबजदो को फतेहगढ़ साहिब में दीवार में सिर्फ इसलिए चुनवा दिया गया कि उन्होंने अपना धर्म छोड़कर धर्मांतरण को स्वीकार नहीं किया। गुरु जी के दो साहिबजादे चमकौर की गड़ी में शहादत को प्राप्त हुए। बलिदानी कि यह गाथा देश और दुनिया में गुरु जी के शिष्यों में क्रांति की स्फूर्ति बनाए रखेगी। मुख्य ग्रंथि मोहकम सिंह जी ने भी “सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के  हेत पुर्जा पुर्जा कट मरे कबहूं ना छाडे खेत” के वीर रस के शब्द कीर्तन सुनकर संगत भाव विभोर हो गई। वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह सलूजा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक सिख समुदाय की आस्था के पर्व और दिवस मुख्यमंत्री आवास पर मनाने की शुरुआत हुई है। पहली बार शहजादा दिवस भी मनाया जा रहा है। सिख समुदाय के दसवें गुरु साहिब श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार साहबजादे और माता गुजरी की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन किया गया। इसके पूर्व भी गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश उत्सव पर मुख्यमंत्री आवास पर गुरबाणी कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया था। ललितपुर गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में चल रहे कार्यक्रमों में इस अवसर पर छोटे बच्चो कर्मनदीप सिंह व हरजस कोर ने भी गुरु जी के साहिब जादो सुंदर पोशाक के साथ दरबार साहिब में आकर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। जिसकी सर्व संगत ने जयकारो के साथ मे उत्शाह बढ़ाया अवसर पर गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ के समापन व लंगर का आयोजन सरदार कुलदीप सिंह अरोरा, हरमीत सिंह अरोरा। पूरे 7 दिनों तक सुबह व शाम के लंगर की सेवा बलवंत सिंह माता अमृत कौर के परिवार की ओर से हुई। इस अवसर पर गुरु सिंह सभा के संरक्षक जितेंद्र सिंह सलूजा, अध्यक्ष ओंकार सिंह सलूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह सलूजा, महामंत्री सुरजीत सिंह सलूजा, मंत्री मनजीत सिंह सलूजा, एडवोकेट कोषाध्यक्ष परमजीत सिंह छतवाल, चरणजीत सिंह अवतार सिंह, गुरमुख सिंह, सुखप्रीत सिंह, मनजीत सिंह परमार, दलजीत सिंह, राजू सिंधी, संतोष कालरा, तरनदीप सिंह, बिंदु कालरा, हरजीत कौर, पूनम मलिक, आशा उर्फ रूपेश पार्षद, वीरेंद्र सिंह बीके, तेजवंत सिंह, हरजीत सिंह, सतीश अरोरा, मनमीत सिंह सलूजा, अमरजीत सिंह, नरेंद्र सिंह सलूजा, जीवन सिंह, कमलजीत सिंह चावड़ा, सतनाम सिंह भाटिया, सुरजीत सिंह काके, पर्सन सिंह, सुरेंद्र सिंह अरोरा, आनंद सिंह, लव सीत सिंह अरोरा, हरजिंदर कौर, सानू सिंह, गुरदीप सिंह, ज्ञानी गुरचरण सिंह आदि उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन महामंत्री सुरजीत सिंह सलूजा ने किया।

केतन दुबे- ब्यूरो रिपोर्ट
📞9889199324

 

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