कोंच तहसील के ग्राम भदारी में वृंदावन धाम से पधारी भागवताचार्य रक्षा पटैरिया ने सुन्दर संगीतमयी भागवत कथा सुनाई। भगवताचार्य ने अपने मुखारबिंदू से सुन्दर भागवत कथा सुनाते हुए रुक्मणि विवाह का वर्णन किया। भागवताचार्य रक्षा पटैरिया ने कहा कि रुक्मिणी जब विवाह योग्य हो गई तो भीष्मक को उसके विवाह की चिंता हुई। रुक्मिणी के पास जो लोग आते-जाते थे, वे श्रीकृष्ण की प्रशंसा किया करते थे। वे रुकमणी से कहा करते थे, श्रीकृष्ण अलौकिक पुरुष हैं। इस समय संपूर्ण विश्व में उनके सदृश अन्य कोई पुरुष नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण के गुणों और उनकी सुंदरता पर मुग्ध होकर रुकमणी ने मन ही मन निश्चय किया कि वह श्रीकृष्ण को छोड़कर किसी को भी पति रूप में वरण नहीं करेगी। भागवताचार्य रक्षा पटैरिया ने भगवान कृष्ण के सुंदर सुंदर स्वरूपों का बखान कर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया व एक से बढ़कर एक भजन भी प्रस्तुत किए। भागवताचार्य रक्षा पटैरिया सुन्दर संगीतमयी भागवत कथा सुना रही हैं, भागवत कथा सुनने भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ रही है। इस मौके पर पूर्व बारसंघ अध्यक्ष विज्ञान विशारद सिरौठिया, वरिष्ठ अधिवक्ता ओमशंकर अग्रवाल, वेद प्रकाश निरंजन, प्रवीण पटेल आदि श्रद्धालु बड़े ही भक्तिभाव से भागवत कथा सुन रहे थे।