देश के रक्षकों की कोरोना से रक्षा
यूं तो कोरोना का कहर विश्व भर में बरपा है और भारत भी इसके संक्रमण का प्रकोप निरंतर झेल रहा है। वैश्विक महामारी के संकटकाल में कोरोना वारियर्स ने जो भूमिका निभाई है वो किसी देवीय वरदान से कम नहीं है। भीषण संकट के इस दौर में कुछ कोरोना वारियर्स ऐसे भी है जिनकी कहानी अनकही रह गई है। ऐसी ही एक कहानी है भोपाल में बंगरसिया स्थित सी.आर.पी.एफ. के संयुक्त अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के उन अथक प्रयासों की, जिनसे उन्होंने देश के रक्षकों की कोरोना से रक्षा की है। जब सारा देश लॉकडॉउन के चलते घरों में बैठा था उस समय भी सी.आर.पी.एफ. जवान देश के विभिन्न हिस्सों में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था एवं कोरोना संक्रमण को रोकने की ड्यूटियों पर डटे हुए थे। जब देश थमा हुआ था, तब भी इस जांबाज़ों के कदम रूके नहीं थे और उनकी यात्राएं तथा कामकाज बदस्तूर जारी था। ऐसे में सी.आर.पी.एफ. के इन जवानों का आवाजाही के चलते कोरोना से संक्रमित होना भी लाजमी था, लेकिन ग्रुप केन्द्र भोपाल में स्थापित कोरांटीन सेंटर तथा यहां के 50 बिस्तर वाले संयुक्त अस्पताल के तत्वावधान में स्थापित कोरोना केयर सेंटर में तैनात अधिकारियों व डॉक्टरों की टीम ने कई-कई घंटे काम करते हुए कोराना की रोकथाम में कोई कसर नहीं छोड़ी। सूत्रों के मुताबिक इस अस्पताल में अब तक कुल 139 कोरोना पॉजिटिव मरीज आ चुके हैं और उनमें से 100 मरीजों को बिल्कुल ठीक करके वापस भेजा जा चुका है। वर्तमान में लगभग 39 मरीजों का इलाज जारी है और वे सभी स्वास्थ लाभ ले रहे हैं। दूसरी ओर कोरोना से जीतने वाले जवान प्लाजमा डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं। अब तक 10 जवान प्लाज्मा डोनेट कर चुके है और ठीक होने वाले बाकि सभी जवान प्लाज्मा डोनेट को तत्परता से तैयार हैं। इस समय श्री अजय कुमार सिंह, उप महानिरीक्षक ग्रुप केन्द्र भोपाल एवं डॉ. महेश्वरी भगत इस संयुक्त अस्पताल के उप महानिरीक्षक(चिकित्सा) की बागडोर संभाले हुए हैं और इस दिशा में सतत मार्गदर्शन कर रहे हैं। वहीं कोरोना वारियर्स की टीम का अग्रणी नेतृत्व डॉ. अनुराग गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कर रहे हैं। उनकी पूरी टीम देश के इन रक्षकों को कोरोना महामारी के ख़तरे से बचाने और उनका सही समय पर पूरा उपचार करने में जुटी है। इस टीम के ऊँचे मनोबल ने यहां आने वाले मरीजों के आत्मविश्वास को बढाया है और उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाते हुए कोरोना से लड़ना सिखाया है। इतना ही नहीं सी.आर.पी.एफ. के परिसर में लगभग 900 परिवार और 6 कार्यालयों व यूनिटों के लगभग 5000 जवान निवास करते हैं और इस संकटकाल में उनकी आम स्वास्थ्य समस्याओं को भी इस अस्पताल ने बहुत ही संजीदगी से संभाला है तथा पूरे परिसर में कोराना संक्रमण को फैलने से रोकने के हर संभव प्रयास किए है। महामारी के संकटकाल में सी.आर.पी.एफ. के संयुक्त अस्पताल की कार्य-प्रणाली अपने आप में एक ऐसी मिसाल बन कर उभरी है, जो यह दर्शाती है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।