बरुआसागर। नगर के पेट्रोल पम्पों पर लम्बे समय से मिलावट और घटतौली का खेल जारी है। मशीनों में प्राइवेट टेक्नीशियन से सेटिंग कराकर पम्प संचालक व कर्मचारी जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं। जबकि तेल कंपनी के अधिकृत टेक्नीशियन के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति से मशीन के साथ छेड़खानी कराना गैरकानूनी है। कई बार इन पेट्रोल पम्पों पर तेल चोरी की शिकायतें आम हुई हैं, कई बार ग्राहकों से झगड़े भी हुए हैं मगर ज़िम्मेवार अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने से पम्प संचालकों के हौसले बुलंद हैं और अपनी सेटिंग की दम पर यह चोरी का खेल बदस्तूर चला रहे हैं।
बीते गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक पम्प पर फिर इसी प्रकार की घटना हुई जब नगर के एक युवक ने अपनी बाइक में एक सौ दस रुपये का पेट्रोल भरवाया और शक होने पर उसने पेट्रोल की मात्रा चेक करने की बात पेट्रोल पम्प कर्मी से कही तो वह झगड़ा करने पर आमादा हो गया परन्तु अन्य ग्राहकों के द्वारा भी विरोध जताने पर कर्मी को मज़बूरन बाइक का पेट्रोल वापस निकालकर चेक करना पड़ा तो पता चला कि सौ रुपये में मुश्किल से सात-आठ सौ एम.एल. तेल ग्राहक को दिया गया था जबकि मशीन की रीडिंग पूरा एक सौ दस रुपये का तेल दिया जाना बता रही थी। मामला बिगड़ता देख पम्प के मैनेजर ने ग्राहक को पूरे दामों का तेल देकर समझाबुझाकर चलता कर दिया।
यह तो एक पेट्रोल पम्प पर ग्राहक के साथ हुई घटना है मगर हकीकतन हर ग्राहक को इसी प्रकार पम्प संचालकों और कर्मचारियों द्वारा चूना लगाया जा रहा है, और बेबस ग्राहक सब जानते- समझते हुए भी अपनी जेब कटवाने पर मजबूर है। तेल कंपनियों के अधिकारियों द्वारा समय समय पर नियमानुसार इन पम्पों पर चेकिंग भी की जाती है मगर जिस चोरी को एक साधारण ग्राहक तत्काल पकड़ लेता है उसी चोरी के खेल को नियमों और तकनीक के जानकार यह अधिकारी नहीं देख पाते हैं, यह अचंभे की बात है और सोचने की भी, कि आखिर इनकी नज़रों पर चढ़े चश्मे में खराबी है या देखकर भी अनदेखा करने के एवज में मिल रहे सुविधा शुल्क की चकाचौंध में नज़र और नीयत दोनों खराब हो गए हैं