* बंदूक पर दबंगई ऐसी की डकैतों से लिया मोर्चा
💐 सौ दंडी और एक बुंदेलखंडी की नजीर रामलली अम्मा। * कच्चे घर पर लिखा है पाठा की #शेरनी। * सरकार ने जारी किया था डबल बैरल बंदूक का लाइसेंस। * रामलली की बदौलत उसके परिवार को डकैतों से मोर्चा लेने के लिए आठ लाइसेंस जारी हुए। * बीहड़ के अजीम सरगना ददुआ डकैत से लेकर बलखड़िया,बबुली कोल की हनक रामलली को न डरा सकी। * ठेठ अंदाज,बेबाक जीवनशैली ने इस मर्दानी को शेरनी बना दिया।…..जी हां हम बात कर रहे है यूपी बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल ज़िला चित्रकूट धाम कर्वी की मानिकपुर तहसील के हरिजनपुर रहवासी #दबंग रामलली की। साथियों दबंग भी कैसी वही सोनाक्षी सिन्हा कहिन वाली बतकही में…..एक झुझारू और गृहस्थ संघर्ष शील श्रमिक-किसान स्त्री की जीवटता। पाठा में रामलली की चर्चा के पीछे का फ्लैशबैक यह है कि गांव में एक बैंक मैनेजर जगन्नाथ के बेटे का वर्षों पहले डकैतों ने अपहरण कर लिया था। अपहरण का शिकार युवक किसी तरह भागकर रामलली के गांव घर आया और गुहार लगाई…अम्मा बचाए लियो।…माँ की उम्र में रामलली ने उस लड़के की ज़िंदगी तो डकैतों से बचाई ही साथ मे गांव के अंदर डकैतों से मोर्चा लेने की ठान ली।…अखबारी दौर में बीहड़ की दबंग आवाज बंदूक से ऐसी निकली कि पाठा में प्रशासन की कबधस मच गई…। वक्त के साथ रामलली को लखनऊ की एक संस्था ने ‘ स्वशक्ति महिला सम्मान ‘ से नवाजा। खबरों में रामलली चर्चित रही तो विधायक, सांसद और क्षेत्र के मंत्री तक रामलली की बिटिया का ब्याह देखने और शरीक होने के गवाह बने। आज भी रामलली खुद को मिले सम्मान, समाचार की कतरनों में जमी धूल को गाहे-बगाहे साफ करती पुरानी यादों में उतर जाती है। उम्रदराज हो चुकी अम्मा के पास सम्मान और मीडिया में छपी खबरें सजाने के लिए शोकेस-अलमीरा भले न लेकिन उनका वजूद उनकी बुलंदी कहता है। आज पाठा में सारे बड़े डकैत पुलिसिया मुठभेड़ में शूट आउट हो चुके है लेकिन निशानेबाज अम्मा का हौसला अब भी वैसा ही मजबूत है जैसा वर्षों पहले फौलादी था। खबर लहरिया की पत्रकार नाजनीन जब अम्मा के घर पहुंची तो हमारी नजरों से दूर अम्मा रामलली की प्रेरक कहानी से रूबरू होना मुनासिब हुआ। हिम्मत परस्त महिला के वीडियो फुटेज अगली पोस्ट में साझा करेंगे….। सभी मातृ शक्ति को विश्व महिला दिवस की बधाई। #बुंदेलखंड #चित्रकूट #women_day_8march2020
@आशीष सागर।