प्रतिवर्ष सावन के आखिरी सोमवार को पालकी निकालने की परंपरा का होता है आयोजन
चित्रकूट : धर्म नगरी चित्रकूट के राम घाट पर सावन के चौथे सोमवार को परंपरा के अनुसार राजाधिराज मत्तगजेंन्द्रनाथ सरकार की पालकी यात्रा धूमधाम से निकाली गई l मंदिर से पालकी में सवार होकर भोलेनाथ के मुकुट ने छोटी परिक्रमा लगाई और हर-हर बम-बम की गूंज रही l
मंदिर ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप तिवारी और पुजारी विपिन बिहारी महाराज ने बताया कि कोविड नियमों का पालन करते हुए इस वर्ष पालकी यात्रा निकाली गई l उन्होंने बताया कि पालकी यात्रा में भक्तजनों का उत्साह देखने लायक था l प्रतिवर्ष सावन के अंतिम सोमवार को पालकी यात्रा निकालने की परंपरा रही है l कोविड के चलते पिछले वर्ष यात्रा स्थगित थी लेकिन इस वर्ष धूमधाम से कम लोगों के साथ यात्रा निकली गई l
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अजीत सिंह ने बताया कि भक्तों को हर हाल भोलेनाथ की पालकी यात्रा का इंतजार रहता है l प्रतीक रूप में राजाधिराज का मुकुट पालकी में विधिवत पूजन अर्चन के बाद शुशोभित होता है और फिर भक्तजन पालकी कंधे पर लेकर छोटी परिक्रमा लगाते हैं। सावन के अंतिम सोमवार को विधि विधान से पालकी यात्रा निकाली गई l पालकी यात्रा के बाद महाआरती हुई और मालपुआ प्रसाद का वितरण किया गया l यात्रा में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे l पालकी यात्रा में बरम बाबा, आचार्य नवलेश दीक्षित, योगेंद्र दास महाराज, बृजेंद्र शास्त्री, राजू महाराज, शुभम शुक्ला, माया, आनंद सिंह पटेल, वीपी पटेल, जानकी शरण गुप्ता, अतुल सिंह समेंत तमाम भक्तजन मौजूद रहे l