पथरिया: ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई को ढूँढे तोड़, मास्साब हरन ने गाइडलाइंस पालन कर लगाई क्लास
ऑनलाइन पढ़ाई का तोड़, बुंदेलखंड में खुले में लग रही क्लासेस
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई बेहद कारगर साबित हुई। कई स्थानों पर अभी भी ऑनलाइन क्लासेस संचालित हो रहीं हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक संसाधनों का अभाव सबसे ऑनलाइन पढ़ाई में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। सबसे ज्यादा बाधा सरकारी स्कूलों में आ रही थी। लेकिन क्षेत्र में जगहों पर शिक्षकों ने इसका भी हल निकाला है। जिससे बच्चों की पढ़ाई संभव हो पा रही है। इसी तरह कस्बे के संजय कॉलोनी में स्थित नवीन प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों को कक्षाओं में शामिल होने में बड़ा मजा आ रहा है। क्योंकि न तो यहां ऑनलाइन पढ़ाई की झंझट है और न ही स्कूल के कमरों में बैठने की जरूरत। संजय कॉलोनी स्कूल के बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हैं। खुले वातावरण में बच्चों में पढ़ने की ललक भी बढ़ रही है। बच्चे तय समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं और शिक्षक चबूतरों के ऊपर पेड़ों की छाया में बच्चों से समकक्ष बैठकर पढ़ाते हैं। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। सभी बच्चों को फैस मास्क उपलब्ध कराए गए हैं। शाला प्रभारी गोपाल अठ्या ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है और कक्षाओं में बच्चों एक साथ नहीं बैठा सकते। इसलिए स्कूल परिसर के पेड़ों के सामने अलग-अलग कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। इसमें शिक्षिका लक्ष्मी रोहित, बबीता सूर्यवंशी, राजकुमारी अहिरवार का भरपूर सहयोग मिल रहा है।