आस्थाखबर

सम्पूर्ण अयोध्या हुई राममयी, शुभ घड़ी एक दिन दूर

-आडवाणी,जोशी,कल्याण को नही मिला भूमि पूजन कार्यक्रम का न्यौता।
– मुख्यमंत्री योगी का अयोध्या से कांग्रेस पर हमला।
– पहला निमंत्रण इकबाल अंसारी को।

लोकाभिरामं रणरङ्गधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम् ।
कारुण्यरुपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥

सम्पूर्ण रामनगरी श्रीराममय हो चुकी है, चिरप्रतीक्षित शुभ घड़ी अब आने ही वाली है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में समस्त तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं स्वयं योगी अयोध्या पहुँचकर उनको परख चुके हैं, कार्यक्रम के सुरक्षा से जुड़े कुछ हिस्सों का पूर्वाभ्यास भी किया जा चुका है,बस अब प्रतीक्षा है बुधवार के दिन की उस घड़ी की जब समस्त लोकों के स्वामी प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु प्रधानमंत्री मोदी भूमि पूजन करेंगे।
भारतीय आम जनमानस में अक्सर कहा जाता है कि प्रभु जिसको दर्शन देना चाहते हैं उसके लिए साधन अपने आप बन जाते हैं, और प्रभु की आज्ञा न होने पर सर्वसाधनसंपन्न मनुष्य भी सारे जतन कर ले परंतु दर्शन नहीं पा सकता है। बात अगर हो रही हो श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन के पावन अवसर का साक्षी बनने की तो लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती जैसे नामों के बिना कार्यक्रम की कल्पना भी नहीं कि जा सकती। परंतु विधि का विधान देखिये, राममंदिर आंदोलन के प्रणेता रहे इन नेताओं के बिना ही कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाएगा।

आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह को जहाँ अधिक आयु होने के कारण कोरोना महामारी के भय के चलते निमंत्रित ही नहीं किया गया वहीं इसी महामारी के भय से उमा भारती आमंत्रित होने पर भी कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होगीं।
अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने कभी नहीं चाहा कि राम मंदिर का निर्माण हो सके।


सोमवार को भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करने आये योगी ने पत्रकारों से कहा ” कांग्रेस को अपने अतीत में झांकना चाहिये। वे कभी उस स्थान पर शिलान्यास नहीं चाहते थे जहां रामलला विराजते हैं। करोड़ों रामभक्तों की आस्था से जुड़े इस मुद्दे को कांग्रेस कभी नहीं हल करना चाहती थी। उन्होने सिर्फ लोगों को जाति,धर्म के नाम पर बांटा है।”
अयोध्या में सोमवार को गणेश जी की पूजा के साथ 3 दिनी अनुष्ठान की शुरुआत हुई। इसके बाद माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की पूजा की गई, जिसमें अयोध्या व बनारस के 21 पंडितों ने पूजा कराई। इसके साथ ही भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने वालोें को निमंत्रण भेजना का भी सिलसिला शुरू हुआ। भूमिपूजन का अयोध्या में पहला निमंत्रण विघ्नहर्ता भगवान गणेश के पश्चात राम जन्म भूमि विवाद में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को दिया गया है। इस पर उनका कहना है कि यह भगवान राम की इच्छा थी, जो मुझे पहला निमंत्रण मिला। वह पीएम को रामायण भेंट करेंगे। वहीं लावारिश लाशों के अंतिम संस्कार करने वाले समाजसेवी पद्मश्री से सम्मानित मोहम्मद शरीफ को भी कार्यक्रम का न्योता दिया गया है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय के अनुसार पूरे भारत से प्रमुख परंपराओं के 135 संत- महात्माओं समेत कुल 175 लोगों को भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के अतिरिक्त ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास, यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत ही रहेंगे।
मोरारी बापू ने दिए 18.61 करोड़
रामकथा वाचक संत मोरारी बापू ने मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट को 18.61 करोड़ रुपये का दान दिया है। मालूम हो कि, मोरारी बापू ने गुजरात के तलगाजडा में चल रही ऑनलाइन कथा में श्रद्धालुओं से 5 करोड़ रुपए एकत्रित करने की अपील की थी। जिसके बाद बीते शनिवार को बापू ने 16 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान मिलने की बात कही थी। अब पता चला है कि दान की राशि उससे भी कहीं ज़्यादा 18.61 करोड़ हो गई है।
एक और पुजारी कोरोना पीड़ित
अयोध्या में राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के पुजारी भी कोरोना से संक्रमित होते जा रहे हैं। अब एक और सहायक पुजारी प्रेम कुमार तिवारी भी कोरोना पाॅजिटिव मिले हैं। इसके पहले सहायक पुजारी प्रदीप दास भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का भी कोरोना टेस्ट कराया गया है। हालांकि उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है इसके बाद भी उन्हें अभी पूजा से दूर रखा गया है।

राजीव बिरथरे की रिपोर्ट

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