प्यार और षड्यंत्र ने ले ली ,जज और उनके बेटे की जान…..
बैतूल में जज और उनके बेटे की जहर देकर हत्या का मामला
सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया …गुनाह कबूल कर लिया
लॉकडाउन में जज का परिवार बैतूल आ जाने के कारण आरोपी महिला संध्या सिंह की मेल मुलाकात चार महीने से जज महेन्द्र त्रिपाठी से नहीं हो पा रही थी….
… रीवा निवासी संध्या सिंह पिछले कई वर्षो से जज की महिला मित्र थी। वर्तमान में वह छिंदवाड़ा निवासी है और एनजीओ चलाती है।
बैतूल । जज मर्डर मिस्ट्री हाई प्रोफाईल मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया और पुलिस के अनुसार आरोपियों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। बुधवार शाम को पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने कंट्रोल रूम में पत्रकारवार्ता ली। जिसमें उन्होंने विस्तार से पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी दी है। उनका कहना है कि कोरोना लॉकडाउन में जज का परिवार बैतूल आ जाने के कारण आरोपी महिला संध्या सिंह की मेल मुलाकात चार महीने से जज महेन्द्र त्रिपाठी से नहीं हो पा रही थी। इस बात से क्रोधित और क्षुब्ध होकर महिला ने षडयंत्र रचा, जिसमें आटे के माध्यम से पूरा घटनाक्रम हुआ है। हालांकि पुलिस ने अभी यह नहीं बताया कि आटे में क्या मिलाया गया था ? किस तरह का जहर था और वह जहर कहां से कैसे आया? पुलिस ने पूरे घटनाक्रम को लेकर जो जानकारी दी है उसमें अभी भी कुछ सवाल हैं जिनके जवाब सामने आना बाकी है।
कुल मिलाकर पुलिस का कहना है कि रीवा निवासी संध्या सिंह पिछले कई वर्षो से जज की महिला मित्र थी वर्तमान में वह छिंदवाड़ा निवासी है और एनजीओ चलाती है। अति महत्वकांक्षी महिला है। पूरा घटनाक्रम का षडयंत्र उक्त महिला ने अपने संपर्क के सूत्र खुद के ड्राईवर संजू पिता बंडू चन्द्रवंशी निवासी कन्नर थाना उमरेठ, संजू के फूफा देवीराम पिता सेवाराम चन्द्रवासी निवासी काशीनगर छिंदवाड़ा, मुहीन खान पिता सलीम खान निवासी छिंदवाड़ा, कमल पिता गरीबा निवासी छिंदवाड़ा के साथ मिलकर रचा। पुलिस के अनुसार महिला बैतूल आई उसने जज साहब के गृहक्लेस और मानसिक संताप को दूर करने के लिए उनसे आटा लेकर गई। यह आटा उसने बाबा रामदयाल को दिया। दो दिन बाद बाबा ने यह आटा कमल को दिया तब संध्या सिंह, ड्राईवर संजू और कमल 20 जुलाई को बैतूल आए। कमल को मुल्ला पेट्रोल पंप के पास उतारा और सर्किट हाउस पहुंचे, वहां जज भी अपनी कार से पहुंच गए। कार के अंदर 15 से 20 मिनट बातचीत हुई। इसके बाद उक्त महिला ने आटा जज साहब को दे दिया, जो रोटी बनाकर खाने के लिए कहा गया। इस आटे से बनी हुई रोटी खाने के बाद जज और उनके बेटों की तबीयत खराब हुई और जिसमें उनके बड़े बेटे अभियान राज और जज महेन्द्र त्रिपाठी की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मामले को लेकर पुलिस ने फिलहाल इतनी ही जानकारी दी है। अभी इस मामले में जहर कौनसा था इसको लेकर स्पष्ट नहीं किया गया है, क्योंकि बिसरा रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है और आटे की भी एफएसएल जाँच रिपोर्ट नहीं आना बताया गया है। खैर पुलिस ने पाँच दिनों के अंदर मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक बैतूल के मार्गदर्शन में यह पूरी विवेचना हुई है जिसमें कहा जा रहा है कि अभी विवेचना में और भी फैक्ट सामने आ सकते हैं। उसके आधार पर आगे भी कार्रवाई होगी।
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