मध्यप्रदेश की बेटी फीफा वर्ल्डकप में करेगी शो, हिंदी में होगी परफॉर्मेंस
दोस्तों फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप आज से शुरू हो रहा है। इसमें मध्यप्रदेश की बेटी शैफाली चौरसिया की आवाज गूंजेगी। वे वर्ल्ड कप मैच के दौरान हिंदी सॉन्ग्स गाएंगी। फुटबॉल वर्ल्ड कप में उनके 13 शो होंगे। और ये सभी शो कतर में होंगे।शैफाली के पिता मंडला के कारोबारी हैं। उनका पान के पत्ते का बिजनेस है।
आपको बता दे की मंडला के नैनपुर में जन्मी 29 साल की शैफाली चौरसिया को बचपन से ही सिंगिंग का शौक था। इसे देखते हुए शैफाली के पिता ने उन्हें इसी फील्ड में आगे बढ़ाया। अब वे मुंबई के म्यूजिशियन मिलिंद वानखेड़े और उनकी टीम के साथ कतर में परफॉर्मेंस देंगी।
सिंगिंग का सफर
शैफाली ने 5th तक की पढ़ाई नैनपुर के सरस्वती शिशु मंदिर में ही की। वहीँ सिंगिंग के प्रति उनका लगाव देखकर उनके पिता संतोष चौरसिया ने नैनपुर में ही सिंगिंग के समर कैंप में शैफाली का दाखिला कराया। एक महीने शैफाली ने ट्रेनिंग ली। शैफाली के म्यूजिक टीचर ने उनके पिता को बेटी को सिंगिंग फील्ड में आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।इसके बाद उनके पिता संतोष ने बेटी को जबलपुर के भात खंड संगीत महाविद्यालय में पढ़ाई के लिए भेजा। शैफाली ने जबलपुर से ही 12th पास की। इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई करने नागपुर चली गईं। यहां तुकोजी महाराज विश्विद्यालय नागपुर से संगीत में एमए किया।
संगीत विवि में मिला गोल्ड मेडल
तुकोजी महाराज विश्विद्यालय नागपुर में शैफाली ने विश्विद्यालय में टॉप किया। उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यहां से 4 साल पहले 2018 में बॉलीवुड में किस्मत आजमाने वे मुंबई चली गईं। वहां एक ऑर्केस्ट्रा ग्रुप जॉइन कर लिया। और एक स्कूल में बतौर म्यूजिक टीचर भी काम किया।
पिता करते हैं पान का व्यवसाय
मंडला जिले के नैनपुर निवासी शैफाली चौरसिया के पिता संतोष चौरसिया पान के थोक व्यवसायी हैं। मां संध्या चौरसिया हाउसवाइफ हैं। एक बड़े परिवार के बीच पली बढ़ी शैफाली पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर की हैं। उनके दोनों भाई सौरभ और गौरव व्यवसाय में पिता का हाथ बंटाते हैं। भाभी कंचन भी हाउसवाइफ हैं।
22वें फीफा वर्ल्ड कप का आगाज
आज से 22वें फीफा वर्ल्ड कप का आगाज हो रहा है। इसमें दुनियाभर की 32 टीमें हिस्सा लेंगी। अब तक खेले गए सभी वर्ल्ड कप जून और जुलाई के महीने में खेले गए हैं, लेकिन कतर के क्लाइमेट और गर्मी को देखते हुए इस बार वर्ल्ड कप नवंबर और दिसंबर में रखा गया है। पहला वर्ल्ड कप 1930 में उरुग्वे में खेला गया था और इसे मेजबान टीम उरुग्वे ने ही जीता था। 1942 और 1946 में वर्ल्ड वॉर के कारण वर्ल्ड कप नहीं हो पाया था, लेकिन इसके बाद हर चार साल के अंतराल पर फीफा वर्ल्ड कप खेला जाता है।