समाजसेवियों ने उप जिलाधिकारी मऊरानीपुर को ज्ञापन देकर लापरवाही करने वाले चिकित्सकों पर कानूनी कार्यवाही करने की किया मांग
मऊरानीपुर : जनपद में मेडिकल कॉलेज में मरने से पहले कोरोना के मरीज ने स्वास्थ विभाग की पोल खोल कर रख दी है। जनपद के मउरानीपुर तहसील के रहने वाले संजय गेंडा 15 दिनों पहले ही कोरोना का इलाज कराने के लिए झाँसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे। संजय की पत्नी और बेटी भी कोरोना पोसिटिव थी जिनका इलाज बरुआसागर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। म्रतक संजय के 10 साल के बेटे को होम कोरंटीन किया गया है। संजय गेडा ने मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान अपनी मौत से पहले एक वीडियो बनाया और उसमें मेडिकल कॉलेज झाँसी की स्वास्थ्य व्यवस्थाओ की पोल खोल कर रख दी है ।
संजय के इस वायरल वीडियो ने सोचने पर मजबूर कर दिया है अगर झाँसी मेडिकल कॉलेज में ऐसे ही कोरोना मरीजो का इलाज होता है तो वहां से बच कर आना मतलब बड़े भाग्यों वाला होना है। संजय का ये वीडियो देखकर आपकी रूह कांप उठेगी। अगर कोरोना का इलाज ऐसे ही हो रहा है तो मतलब साफ है कोरोना से नही लोग बढहल स्वास्थ व्यवस्था से मर रहे है। आपको बता दे कि झाँसी की स्वास्थ व्यवस्था लंबे समय से सवालों के घेरे में रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने झाँसी को दौरा भी किया था, ऐसे में अब सवाल उठना लाजमी है कि मुख्य सचिव ने आखिर देखा क्या, क्या सिर्फ खाना पूर्ति करने आये थे ।
आपको जानकर हैरानी होगी कि झाँसी मेडिकल कॉलेज में कोरोना का इंचार्ज डॉक्टर अंशुल जैन को बनाया गया है। डॉक्टर अंशुल बेहोशी का डॉक्टर है, इतना ही नही मेडिकल सूत्रों के अनुसार डॉक्टर अंशुल को रेडियोलोजी विभाग का भी चार्ज दिया गया है। डॉक्टर अंशुल अपना निजी डायग्नोस्टिक सेंटर भी चलते है। डॉक्टर अंशुल का हाल ही में मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक की नियुक्ति हुई है। ऐसे में सवाल तो मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या पर भी उठ रहे है जिन्होंने कोरोना जैसी महामारी का नोडल ऐसे डॉक्टर को बना दिया जिसके दामन शुरू से ही विवादों में रहा है ।
आखिर ऐसी क्या मजबूरी है या कौन सा ऐसा मतलब है कि 4 दिन पहले मेडिकल कॉलेज में आये डॉ को इतने ज़िम्मेदारी वाले पद दे दिए गए। इस मामले में सीएमओ डॉक्टर जी.के.निगम का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है, इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही जरूर की जायेगी। यानी जांच में असल दोषी को बचा कर कमजोर पर कार्यवाही कर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जाएगी। सही मायने में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था मर चुकी है, यही वजह है कि झाँसी के लोग मौका मिलते ही इलाज के लिए लखनऊ या दिल्ली का रुख करते है। वही मऊरानीपुर नगर के समाजसेवियों द्वारा उपजिलाधिकारी मऊरानीपुर को ज्ञापन देकर लापरवाही करने वाले चिकित्सको पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग किया है ।
रिपोर्ट ✍️राजीव दीक्षित (संवाददाता मऊरानीपुर)