ललितपुर। शनिवार को जिला बार भवन मे क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई। देश की आजादी में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। देश प्रेम के लिए युवाओं से सीख लेने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शरद चौबे ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद ने देश के युवाओं के समक्ष त्याग का उदाहरण प्रस्तुत किया। वे देश के युवाओं के आदर्श बने। ब्रिटिश शासन ने साजिश कर उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया। आत्म गौरव व सम्मान के लिए उन्होंने स्वयं अपने प्राण देश हित के लिए न्यौछावर कर दिए। एड.अंकित जैन बंटी ने चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर प्रकाश डाला। युवाओं से क्रांतिकारी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्ववान किया। एड.सुनील देवलिया ने कहा क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का देश की आजादी में बड़ा योगदान है। हम उनके बलिदान को भुला नहीं सकते। उन्होंने देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। हमें उनके जीवन से देश सेवा की प्रेरणा लेना चाहिए। उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए। अधिवक्ता संवाद के संयोजक एड. पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जब साण्डर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर आजाद ने अपनी गोली से उसे भी समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं लाहौर में जगह-जगह परचे चिपका दिए गए, जिन पर लिखा था- लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला ले लिया गया है। उनके इस कदम को समस्त भारत के क्रांतिकारियों खूब सराहा गया। अलफ्रेड पार्क इलाहाबाद में 1931 में उन्होंने रूस की बोल्शेविक क्रांति की तर्ज पर समाजवादी क्रांति का आह्वान किया। उन्होंने संकल्प किया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 27 फरवरी 1931 को इसी पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी। इस मौके पर एड.सुंदर सिंह, एड. ब्रजेंद्र सिंह चौहान, एड.सुरेंद्र राजपूत, एड.शेरसिंह यादव, एड.भागीरथ कुशवाहा, एड.सुल्तान सिंह, एड. राहुल सिंह, अमित लखेरा, बाबूलाल कुशवाहा समेत अन्य मौजूद रहे।