ललितपुर: आंगनबाड़ी में बच्चों व गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा पोषाहार
ललितपुर। शहर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में लगभग तीन साल से बच्चों, उनकी माताओं और गर्भवती महिलाओं को पोषाहार नहीं मिल पा रहा है। आंगनबाड़ी संचालक अधिक लाभ लेने के लिए कुछ बच्चों का फर्जी तौर पर रजिस्ट्रेशन कर लिया करती है, जिनमें उनके अभिभावकों के मोबाइल नंबर की जगह किसी रिश्तेदार व परिचय वालो का चढ़ा देते है। मोहल्लेवासियों का आरोप है कि कई बच्चों के नाम दो अलग अलग आंगनबाड़ी में कई बच्चे ऐसे भी मिलेंगे जिनके नाम दोनों जगह एक ही है, जिनका लाभ आंगनबाड़ी संचालक लेती है। मोहल्लेवासियों ने शासन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, जिससे लाभार्थियों का लाभ मिल सके और दोषियों पर कार्यवाही की जाए। तीन माह से छह साल के बच्चों को चावल और अन्य सामान दिए जा रहे हैं, लेकिन बाकी को नियमित वितरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे बच्चों, माताओं और गर्भवती महिलाओं को लगभग कई सालो से इसका लाभ नहीं मिल रहा है। गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण के समय इसे देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। गर्भवती महिलाओं समेत छह साल तक के बच्चों और माताओं को गुड़, चना, मूंगफली, दाल और आलू का पैकेट जैसी कई सुविधायें सरकार द्वारा दी जाती है। आंगनबाड़ी केंद्रों से सभी 6 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए चावल और अन्य सामान ही बांटे जा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद राज्य में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुछ महीने का चावल बच्चों को दिया गया, लेकिन कुछ आंगनबाड़ी संचालक शासन की योजनाओं को पलीता लगाने में जुटी हुई है। जिस पर जनपद के संबंधित आलाधिकारियों की नाक के नीचे आंगनबाड़ी संचालकों की मनमानी होती है, लेकिन उच्च अधिकारी कार्यवाही करने को कतराते नजर आ रहे है। जिससे वुद्धिजीवियों का मानना है कहीं उच्च अधिकारी शमलित होना कार्यवाही न करना हो।