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ललितपुरः नशीलो पदार्थ पिलाकर जबरईं करा लओ जमीन को रजिस्टर्ड बैनामा

वृद्ध ने एसपी को शिकायती पत्र भेजकर उठायी न्याय दिलाने की गुहार
ललितपुर। शहर में बेशकीमती जमीनों को हथियाने का सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है। लेकिन जमीनी विवाद में समय रहते ठोस कार्यवाही न होने से लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को प्रकाश में आया है। शहर के मोहल्ला रैदासपुरा-पठापुरा निवासी वृद्ध बाबादीन पुत्र स्व.चतरा अहिरवार ने एक शिकायती पत्र पुलिस अधीक्षक को भेजते हुये कुछ लोगों पर धोखाधड़ी कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुये उसकी जमीन का रजिस्टर्ड बैनामा करा लेने का आरोप लगाया है। साथ ही उक्त लोगों के खिलाफ जांच करायी जाकर कार्यवाही किये जाने की मांग उठाते हुये न्याय दिलाने की गुहार लगायी है।
एसपी को दिये शिकायती पत्र में वृद्ध बाबादीन ने बताया कि उसकी आराजी खतौनी स 0.0950 फसली वर्ष 1427-32 आराजी नं. 5501 मि.ग्राम हदबाहर नगरपालिका ललितपुर जिसका रकबा 0.0630 हे. है, भूमि का काबिज दखील काश्तकार है जो संक्रमणीय भूमिधर भूमि है। बताया कि वर्ष 2019 में उसकी पुत्रवधु के मस्तिष्क की नस फट गयी थी, जिसका उपचार ग्वालियर चला। इस दौरान उसका पुत्र जसरथ ग्वालियर अपनी पत्नी का उपचार करा रहा था और वह करीब 81 वर्ष का होने के कारण घर पर अकेला था। इसी दौरान मोहल्ला रामनगर निवासी कुछ लोग आये और मौके पर फायदा उठाकर उसके जलपान में नशीला पदार्थ खिलाकर 20 नवम्बर 2019 को उक्त आराजी में से एक प्लाट की रजिस्ट्री बैनामा तहसील से कस्बा मड़ावरा निवासी कुछ लोगों को जबरन करा दिया, जिसका उसे कोई प्रतिफल भी नहीं दिया गया। उसने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति वृद्धावस्था व अकेलेपन का लाभ उठाकर 31 जनवरी 2020 को उपरोक्त आराजी में से एक अन्य प्लाट थाना जखौरा के ग्राम आलापुर व मड़ावरा, मध्य प्रदेश के जिला सीहोर निवासी अलग-अलग लोगों को रजिस्टर्ड बैनामा करा लिया, इसका भी प्रतिफल उसे नहीं दिया गया। पीड़ित ने बताया कि उक्त भूमि धारा 80 के अंतर्गत आराजी कृषि प्रयोजन की है लेकिन इस भूमि का प्रयोग औद्योगिक, वाणिज्यिक व आवासीय प्रयोजन के लिए करने के लिए न्यायालय से कोई भी घोषणा नहीं की गयी और न ही अनुमति दी गयी। लेकिन आराजी के रजिस्टर्ड बैनामे के लिए उ.प्र. राजस्व संहिता 2006 की धारा -98 के अंतर्गत उपरोक्त आराजी के किसी भी अंश को अनुसूचित जाति के व्यक्ति के अतिरिक्त किसी अन्य जाति के व्यक्ति को बिना कलेक्टर की लिखित पूर्व अनुज्ञा के बिना विक्रय, दान, बंधक या पट्टे द्वारा अंतरित करने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसी स्थिति में उपरोक्त समस्त बैना में शून्य हैं। पीड़ित वृद्ध ने पुलिस अधीक्षक से माले की जांच करायी जाकर उक्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही करते हुये उक्त रजिस्टर्ड बैनामा शून्य घोषित कराया जाकर कार्यवाही किये जाने की गुहार लगायी है।

✍️अमित लखेरा

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