खबरबुंदेली

ललितपुर: श्रम विभाग में भटक रय आवेदक, चटक-मटक रय कर्मचारी

ललितपुर। श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से लाभार्थियों ने रोष जताया। वर्ष 2020 में सैकड़ों मजदूरों ने छात्रवृत्ति, चिकित्सा सुविधा, विवाह के उपरांत योजना के लाभ के आवेदन नियमावली के अनुसार श्रम विभाग में जमा कराए थे। वर्तमान तक लगभग 60 प्रतिशत भी पंजीकृत श्रमिक को इनका लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के नाम पर श्रमिकों का केवल शोषण किया जा रहा है। लाभार्थियों में जनचर्चा का विषय है कि विभाग में कार्यरत कुछ कर्मचारी सुविधा शुल्क लिये फॉर्म को शासन के लिये आगे नहीं बढ़ाते। श्रमिकों ने शोषण बंद करने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ तत्काल देने की मांग की। सरकार ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की आर्थिक हालत सुधारने के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करवाई थी, जिसके लिए मजदूरों ने श्रम विभाग में पंजीकरण भी करवाया। विभाग में एक से तीन साल पूर्व आवेदन करने के बावजूद अब तक मजदूरों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। लाभार्थियों का कहना है कि सरकार द्वारा श्रमकों को जो योजनाएं दी जा रही है, उनका लाभ लेने के लिये श्रम विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को बिना सुविधा शुल्क दिये लाभ नहीं मिलता। कस्बा जाखलौन निवासी सुनील व ग्राम टौरिया निवासी भगवत ने बताया कि मजदूर वर्ग के लोग है। हम लोगों ने एक से डेढ़ साल पहले हमनें श्रम विभाग में शिशु हितलाभ योजना के लिये आवेदन किया था। कुछ लाभार्थियों ने बिना नाम बताने की शर्त पर दबी जुबान से बताया कि विभाग में योजनाओं का लाभ पाने के लिये श्रम विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के लिये दलालों के माध्यम से सुविधा शुल्क लिया जाता है। जैसे नवीन पंजीकरण के लिये 100 से 500 रुपये, चिकित्सा सुविधा के लिये 300 से 500 रुपये व शिशु हितलाभ योजना आदि के लिये 10 से 15 हजार रुपये देने पर आवेदन सरकार के लिये भेजा जाता है। अगर सुविधा शुल्क नहीं दिया गया तो उसका आवेदन सालो से ठंडे बस्ते पर डाल दिये जाते है। जबकि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचने के लिये समाज के सबसे अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्तियों के लिए सरकार ने तमाम लाभकारी योजनाएं चला रखी हैं। निसंदेह उन योजनाओं का लाभ जानकारी के अभाव में बहुत सारे लोग नहीं ले पा रहे हैं। निर्माण श्रमिकों की चिकित्सा, उनके बच्चों के लिए शिक्षा, विवाह, कौशल विकास, गंभीर बीमारी में सहायता, पेंशन व आवास योजना, विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में आर्थिक सहायता जैसी 17 योजनाएं संचालित हैं।

✍️अमित लखेरा

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button