होली मिलन समारोह पर कवि सम्मेलन व मुशायरा संपन्न
ललितपुर। स्थानीय कचहरी प्रांगण में होली के अवसर पर कौमी एकता का प्रतीक साहित्यिक संस्था हिंदी उर्दू अदबी संगम के तत्ववाधान में होली मिलन समारोह कचहरी प्रांगण में स्थानीय कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को होली के रंग में सरोवर किया। अध्यक्षता एमआर खान ने की, मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी गणेश बाबू उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए संस्था के अध्यक्ष रामकृष्ण कुशवाहा एड.किशन ने अमन चौन मोहब्बत का पैगाम देते हुए कहा कि सदन और तुवन की शहर का दस्तूर ही निराला है, यहां हिंदू ने मुस्लिम पर मोहब्बत का रंग डाला है। होली ईदी मिलकर ईद मनाते आए हैं बरसों से यह सच है ललितपुर अमन और शांति का शिवा ला है। मंजू रानी कटारे ने गजल पेश करते हुए कहा कि आंखों की चमक पलकों की शान हो तो चेहरे भी हंसी लबों की मुस्कान हो तुम। राधेश्याम ताम्रकार ने गजलों से झूमने पर मजबूर कर दिया अब के बरस भूल न जाना जीना जलाना होली में चाहे जहां हो चाहे कहीं हो लौट कर आना होली में दशरथ पटेल परदेसी ने बुंदेलखंड की होली पर कहा होली की धड़कन यारों लगत है सुहानी गले मिल ही लो होली पा अने और पाऊनी। प्रशांत श्रीवास्तव द्वारा गीत पेश करते हुए कहा तुम ना मिले तो कोई मिलेगा तुम ना जले तो कोई जलेगा उनके इस जीत पर उपस्थित मंचासीन कवियों ने उन्हें फूलों सिला दिया। सुप्रसिद्ध स्थानीय कवित्री सुमनलता चांदनी शर्मा ने कहा कि राह देखती छत पर खड़ी बहना बिखराए अपने केश अब तक ना आए भैया कितनी दूर है बाबुल तेरा। किशन सिंह बंजारा ने श्रोताओं को खूब हंसाया होली के रंग में हम सब डूब जाएं आओ हम सभी होली का त्योहार मनाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एमआर खान सोज ने कहा कि होली का दिवस है लगाएं सभी रंग 1 रंगों का यह त्यौहार मनाए सभी मिलकर। होली के इस कार्यक्रम में उपस्थित कवियों में काका ललितपुरी नंदलाल पहलवान, सरवर हिंदुस्तानी के द्वारा एक से एक होली की रचनाएं सुनाई गई। इस मौके पर रामप्रकाश शर्मा, राजाराम खटीक एड., मनीष कुशवाहा एड., संजय कटारी, शहीद आसिफ अली, साकिर खान उपस्थित रहे। अंत में संस्था के अध्यक्ष देशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए हर समय कोविड से बचाव की अपील की है।