ललितपुर। सरस्वती मन्दिर इण्टर कॉलेज मड़ावरा में विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज किया गया। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति ने छात्र-छात्राओं एवं विद्यालय के ऊर्जावान शिक्षकों को जीवन में उत्कृष्ट कार्यों को करने हेतु प्रेरित किया।
विद्यालय में आयोजित विदाई समारोह कार्यक्रम में विद्यालय के होनहार छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सेवा काल के अंत में स्वच्छ छवि एवं लोकप्रियता के साथ सेवानिवृत्त होना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस अवसर पर सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति ने कहा कि छात्र-छात्राओं की उन्नति के लिये, शिक्षण संस्थान की प्रगति के लिये उनके द्वारा कर्तव्य निष्ठा के साथ कार्य किया गया है। विद्यालय परिवार के साथ मिलकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने निरंतर प्रयास किया गया है। मार्च 2021 में सेवानिवृत्त होने पर उन्हें छात्र-छात्राओं, विद्यालय परिवार द्वारा गुलदस्ते, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं उपहार भेंटकर सम्मानित करते हुए भावभीनी विदाई दी गई। उल्लेखनीय है की सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति सन 1984 से सन 2000 तक स.अ. (जीव विज्ञान) के पद पर कार्य किया। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग द्वारा चयनित प्रधानाचार्य के पद का दायित्वों का निर्वहन जनवरी 2001 से मार्च 2021 तक किया। प्रधानाचार्य परिषद जिलाध्यक्ष के पद पर रहते हुए शासकीय शासनादेशों के अनुपालन में तहसील नोडल रहकर श्रेष्ठतम योगदान देने का कार्य किया है। इसके पूर्व दैनिक जागरण समाचार पत्र में संवाददाता के रुप में 10 वर्ष तक कार्य किया है। वे स्वयं सेवी संस्थाओं में अपना अहम योगदान देते हुए सामाजिक कार्यों में अपना बेहतर योगदान देते रहें हैं। विदाई समारोह में सरस्वती मन्दिर इण्टर कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति, स.अ. भवानी शंकर सिंह, अरविंद नामदेव, हरि शरण चौरसिया, संतोष त्रिपाठी, मानसिंह, अंशकालिक शिक्षक बीरन प्रसाद भरतेले, घूमन सिंह, धु्रव प्रसाद विश्वकर्मा, प्रताप सिंह लोधी, पवन सिंह लोधी, त्रिलोक सिंह लोधी, राहुल झा, यशवंत शर्मा, कीरत सिंह, जगदीश सिंह, प्रेम कुमार चंदेल, रामपाल चंदेल, धर्म सिंह, उदल सिंह लोधी, चुन्नीलाल (परिचारक), हरी राम, शंकर लाल, कुंदन लाल, अशोक कुमार सहित कॉलेज की छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे। संचालन स.अ. संतोष कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया।