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ललितपुरः संक्रमित अधिवक्ता के उपचार में लापरवाही से मौत का आरोप

मृतक के पुत्र ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर उठायी पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग
ललितपुर। कोरोना संक्रमित अधिवक्ता मरीज की मौत के मामले में झांसी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों पर उपचार सेवा में भारी अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगाते हुए ललितपुर के मोहल्ला सिविल लाइंस निवासी अरमान कुरैशी एड. ने एक शिकायती पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है। मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायती पत्र में अरमान कुरैशी ने बताया कि उनके पिता अधिवक्ता अजीज कुरैशी ने 2 अप्रैल को जिला अस्पताल पहुंचकर कोविड-19 की जांच कराई थी जिसमें वह पॉजिटिव पाए गए थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद बेहतर उपचार के लिए उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 सेंटर के वार्ड संख्या 3 (बी) में भर्ती कराया गया था। झांसी में कोविड इंचार्ज की देखरेख में डा. सिद्दीकी नाम के चिकित्सक द्वारा उन्हें उपचार दे रहे थे। अरमान कुरैशी ने बताया कि 2 तारीख को ही उनके पिता की जांच तथा एक्स-रे कराया गया था लेकिन 10 अप्रैल तक उनके पिता की रिपोर्ट नहीं दी गयी। आरोप है कि 11 अप्रैल को तबीयत बिगडऩे पर डा. सिद्दीकी व इंचार्ज डा.माहौर से ब्लड जांच एवं एक्स-रे की रिपोर्ट मांगी परंतु रिपोर्ट नहीं दी और ना ही बताई गई। अरमान कुरैशी ने बताया कि जब उनके पिताजी की सीटी स्कैन करने के लिए आग्रह आग्रह किया तब कहीं जाकर सीटी स्कैन कराया गया, लेकिन उसकी भी रिपोर्ट नहीं दी गई। आगे बताया कि 13 अप्रैल को उनके पिता अजीज कुरैशी की हालत बिगडऩे लगी तब मौखिक रूप से बताया गया कि उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन हो गया है वह ब्लड में टीएलसी बढ़ी हुई है और इसके अलावा ऑक्सीजन भी नहीं बढ़ रही है। अरमान कुरैशी ने बताया कि चिकित्सकों के परामर्श अनुसार उन्होंने अपने पिता के लिए प्लाज्मा भी दिया गया। 17 अप्रैल की रात 1 बजे जब उनके पिताजी का ऑक्सीजन पाइप निकल गया तो उसे लगाने के लिए कोई भी नहीं आया। अरमान कुरैशी ने बताया कि डा.सिद्दीकी ने एक्टेमरा 400 एमजी के दो इंजेक्शन जो कि प्रत्येक इंजेक्शन 40 हजार रुपये यानी दोनों इंजेक्शन 80 हजार रुपये के लाने के लिए कहा, जिस पर वह इंजेक्शन मंगवा कर अजीज कुरैशी को लगाया गया। इंजेक्शन लगाने के बाद कोई जांच नहीं की गई तथा पुनरू 1 दिन के अंतराल से दूसरा इंजेक्शन लगा दिया जिसके परिणाम स्वरुप मरीज की हालत बिगड़ गई और 17 अप्रैल को आईसीयू द्वितीय में पलंग नंबर चार पर अजीज कुरैशी को भर्ती कर दिया गया जहां 18 अप्रैल को एक अन्य चिकित्सक मरीज को देख रहे थे तभी उनसे पिता की बेहतर देखभाल के लिए आग्रह किया गया। लेकिन इस पर भी ध्यान नहीं दिया गया। अरमान कुरैशी का आरोप है कि 19 अप्रैल को सुबह 2.25 पर उसके पास फोन आया कि उनके पिता की हालत खराब हो रही है। 19 अप्रैल को सुबह करीब 11.30 बजे फोन आया कि उनके पिता अजीत कुरैशी की मृत्यु हो चुकी है जबकि अस्पताल में मौजूद कई मरीज साथी ने उन्हें सुबह 8 बजे ही सुन लिया था कि अजीत कुरैशी की मृत्यु हो गई है। अरमान कुरैशी का आरोप है कि उनके पिता को अन्य चिकित्सक ने जानबूझकर जांच व एक्सरे रिपोर्ट के आधार पर इलाज नहीं किया तथा प्लाज्मा और इंजेक्शन लगाने के बाद जांच नहीं कराई, जिस कारण उनके पिता की हालत बिगड़ गई और अंततरू उनकी मौत हो गई। उन्होंने इसे चिकित्सकों द्वारा किया गया मानव वध बताया। इसके अलावा बड़ा आरोप लगाते हुए अरमान कुरैशी ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के पश्चात उनके पिता का मोबाइल इंफिनिक्स हॉट 9 प्रो, हाथ की घड़ी, ब्रेसलेट व 15-20 हजार रुपये चोरी कर लिए गए। इसके अलावा चिकित्सकों द्वारा की गई उपेक्षा एवं चोरी के संबंध में वार्ड के सीसीटीवी फुटेज देखे जा सकते हैं जो महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं। बताया कि मरीज अजीज कुरैशी की मृत्यु के पश्चात महंगे इंजेक्शन नहीं बताये गये, जो मंगवाए गए थे वह चिकित्सकों द्वारा वापस करने से मना कर दिया गया और वापस नहीं किए। इन सभी आरोपों को लगाते हुए अरमान कुरैशी ने उत्तर प्रदेश शासन से पूरे मामले की जांच कराई जा कर चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

✍️अमित लखेरा

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