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मोहन्द्रा: कुआंताल मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन कब करेगा स्थिति साफ

मोहन्द्रा :- बुंदेलखंड में प्राचीन व प्रसिद्व कुंआताल मेला इस साल लगेगा कि नहीं इस पर असमंजस के बादल छाये हुये है। गौरतलब है कि पिछली साल कोरोना महामारी के प्रसार को देखते हुये रद्द किये गये कुआंताल मेले के आयोजन में कथित तौर पर इस बार भी कोरोना का साया बरकरार है। सरकारी अमले की ये स्थिति तब है जब मेला लगने में एक माह से भी कम समय शेष रह गया है। मेला आयोजकों द्वारा मेला के संबंध में अब तक कोई बैठक भी नहीं ली गई है। दुकानदारों की मानें तो जनपद पंचायत पवई और अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पवई को मेला आयोजन के संबंध में कोई स्पष्ट निर्णय(संदेश) जनता के बीच पहुॅचा देना चाहिये। क्योंकि मेला में दुकानदारी करने बालों को मेले की तैयारियां महीनों पूर्व से करनी पड़ती है। कई दुकानदार ऐंसे है जिन्हें आसपास के राज्यों से माल जुटाना पड़ता है। तो कई दुकानदार ऐंसे है जिन्हें उधार पैसों की ब्यवस्थायें बनाकर खरीददारी करनी होती है। जिनकी दुकान मेला में लगती है उन्हें अपने पंडाल की मरम्मत भी समय पूर्व से करनी होती है ! काबिले गौर है कि हर साल चैत्र नवरात्रि की रामनवमीं से मोहन्द्रा के पास बनौली में स्थित कंकाली मैया के मंदिर के किनारे कुआंताल का मेला आयोजित होता है जिसमें पन्ना जिले सहित आसपास के राज्यों से दुकानदार यहां दुकानदारी करने आते हैं ! चैत्र नवरात्रि की शुरुआत से ही यहां हर दिन बीसों हजार लोग कंकाली मैया के दर्शन करने आते हैं !
पेश है एक रिर्पोट
ऽ मेला में पच्चीसों साल से बर्तन की दुकान लगाते आ रहे मोहन्द्रा के रामकुमार ताम्रकार का कहना है कि मेला लगेगा कि नहीं शासन को अब तक बता देना चाहिये था। उसी हिसाब से हम लोग खरीदी करते है।

दुकान लगाने के लिये पंडाल बगैरह की ब्यवस्था भी करनी होती है।

ऽ कुआंताल मेला में सालों से भोग प्रसाद की दुकान लगाते आ रहे विष्णु चौरसिया भी मेला लगने को लेकर उहापोह की स्थिति में है।

उनका कहना है मेला लगने के महीनों पूर्व वे लगभग सैकड़ो बोरा नारियल, चुनरी सहित भोग प्रसाद से जुड़ी सामग्री खरीद लेते है। सीजन पूर्व खरीदी करने से माल थोड़ा सस्ता भी मिल जाता है। पर मेला लगेगा कि नहीं अभी कुछ पता नहीं। ऐंसे में खरीदी कैसे करें।

ऽ कुआंताल मेला में खिलौनों सहित जनरल स्टोर की दुकान लगाने बाले मलखान लखेर खिलौने खरीदने दिल्ली जाते है।

मेला लगने में चंद दिन शेष रह गये है। अगर कुछ दिन बाद मेला लगने का निर्णय हो गया तो हमें समय से माल मिलने में दिक्कत होगी। यहां मेला की तैयारी भी करने के लिये समय नहीं मिलेगा।

ऽ कुआंताल मेला में होटल लगाने बाले बिज्जू चौरसिया की मानें तो तेल के दाम अभी आसमान छू रहे है।

उस समय तक शादी ब्याह का सीजन होने से तेल सहित अन्य खाध सामग्री के दाम और बढ़ने की भी संभावना ज्यादा है। पर मेला लगेगा कि नहीं यह जानकारी न होने के कारण कुछ तैयारी नहीं कर पा रहे।

ऽ मेला के अंदर कपडे़ की दुकान लगाने बाले बीरन सराफ का कहना है कि अधिकारियों को

अब तक साफ कर देना चाहिये कि मेला लगेगा कि नहीं। मेला लगने की स्थिति में ब्यवस्थायें और सामान जुटाने बहुत दौड़ भाग करनी पड़ती है।
इनका कहना है-
एसडीएम मैडम से इस संबंध में बात हुई है उनका कहना है कलेक्टर साब से बात करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे !
प्रसन्न चक्रवर्ती, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचा. पवई

✍️आकाश बहरे
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