बरुआसागर । कार्तिक पूर्णिमा एवं गंगा स्नान के शुभ अवसर पर सोमवर को एक माह से भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन महिलाओं ने कार्तिक पूजन विधि विधान से कर पूजा सम्पन्न की एवं व्रत का पारायण किया। नगर व क्षेत्र के मुख्य मंदिरों, तालाबों, नदी के घाटों व अन्य धार्मिक स्थलों पर कार्तिक पूजन के लिए महिलाओं की बेशुमार भीड़ उमड़ पड़ी।इस एक माह में विभिन्न मान्यताओं से परिपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इन महिलाओं को बुन्देखण्ड क्षेत्र में कतकारियां कहा जाता है। यह कतकारियाँ माह भर व्रत रखकर प्रातःकाल जलाशयों, नदी ,तालाबों में स्नान आदि कर धार्मिक स्थलों में पहुंच कर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करती हैं, एवं यह कतकारियाँ गोपियों का रूप धारण करती हैं, और मंदिरों पर नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पुजारियों द्वारा ग्वाला बनके भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रदर्शन करते हैं। यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता हैं। कार्तिक पूर्णिमासी को इन कतकारियो ने नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के धार्मिक स्थल भगवान विष्णु मंदिर, गुलाबबाग धाम, मन्सल माता मंदिर, शीतला माता मंदिर , स्वर्ग आश्रम झरना, नृसिंह भगवान मन्दिर पर पहुंच कर पूजा अर्चना की, एवं आचार्य गणों में पंडित बद्रीप्रसाद गोस्वामी, आचार्य देवनारायण कौशिक, ओमप्रकाश बकना, पंडित मुकेश बकना, कैलाश कौशिक, भूरे दीक्षित, रामबाबू गोस्वामी आदि ने मंत्रोच्चार कर व्रतधारियों कतकारियो का व्रत का पारायण कराया।
कतकारियो में इंद्रा अगरिया, मोहनी दुबे, सुमन रावत, भारती शर्मा, माण्डवी गोस्वामी, सुनीता, कल्पना, रिचा गोस्वामी, वन्दना बिरथरे, शशि बिरथरे, कमला सोनी, सुनीता सोनी, कमला कुशवाहा, सोनिया कुशवाहा, रामप्यारी कुशवाहा, रामसखी कुशवाहा ,कलावती राय आदि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की कतकारियां उपस्थित रहीं।
✍️राजीव बिरथरे