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राष्ट्रमंडल खेलो में भारत का धमाका भारतीय पहलवानो ने मिनटों में जीते 3 गोल्ड

भारत के स्टार पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया साक्षी मलिक और दीपक पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों की कुश्ती स्पर्धा में शुक्रवार भारत के लिए यादगार बना दिया. तीनों पहलवानों ने अपने-अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम कर भारत की झोली में गोल्ड की बौछार कर दी,पहलवानी में इन तीन स्वर्ण पदकों की बदौलत भारत ने पदक तालिका में गोल्ड मेडल की अपनी संख्या 9 कर दी है और वह अब नंबर 5 पर पहुंच गया है,पहलवानों के इस गोल्डन अभियान के चलते भारत ने पदक तालिका में साउथ अफ्रीका और स्कॉटलैंड को पीछे धकेला वहीँ टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग का 65 किलो वर्ग में इतना दबदबा रहा कि पहले दौर में ही उन्होंने चार में से तीन मुकाबले जीते

बजरंग पुनिया के दांव से छूटने की जद्दोजहद करता विपक्षी पहलवान

उन्होंने फाइनल में कनाडा के लाचलान मैकनील को 9-2 से हराया. इससे पहले इंग्लैंड के जॉर्ज रैम पर तकनीकी श्रेष्ठता से (10-0) से जीत दर्ज कर आसानी से फाइनल में जगह बनाई थी वहीं साक्षी मलिक ने 62 किग्रा के फाइनल में कनाडा की एना गोंडिनेज को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. यह साक्षी का राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक है. इससे पहले वह गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं. वहीं अंशु मलिक ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर देश का कुश्ती में खाता खोला. ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक अंतिम चार मुकाबले में कैमरून की बर्थे इमिलिएने इटाने एनगोले पर तकनीकी श्रेष्ठता से 10-0 की जीत से फाइनल में पहुंच गईं इसके बाद भारत की झोली में कुश्ती से तीसरा गोल्ड युवा दीपक पूनिया ने डाला, जिन्होंने पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को 3-0 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. दीपक ने पहली बार कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेकर पहली ही बार मने भारत को गोल्ड दिला दिया 86kg भार वर्ग में दीपक ने कमाल का प्रदर्शन किया,इसके बाद भारत की दिव्या काकरान भले गोल्ड और सिल्वर की रेस से पिछड़ गई हों. लेकिन उन्हों रेपचेज मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल पर अपना कब्जा किया. दिव्या ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में टोंगा की पहलवान लिली कूकर को महज 30 सेकंड में ही चित्त कर ब्रॉन्ज मेडल पर अपना कब्जा जमा लिया. पहलवानों के इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंक तालिका में नंबर 5 पर पहुंच चुके भारत के पास अब 9 गोल्ड, 8 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 25 पदक हो गए हैं, गत चैम्पियन बजरंग पुनिया ने मौरिशस के जीन गुलियाने जोरिस बांडोऊ को महज एक मिनट में पटखनी देकर 6-0 की जीत से सेमीफाइनल में प्रवेश किया था

उन्हें क्वार्टरफाइनल में पहुंचने में दो मिनट से भी कम समय लगा जिसके लिये उन्होंने शुरूआती दौर में नौरू के लोवे बिंघम को गिराकर 4-0 से आसान जीत दर्ज की बजरंग ने एक मिनट अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने में लिया और फिर ‘जकड़ने’ की स्थिति से अचानक बिघंम को पटक कर मुकाबला खत्म कर दिया। बिंघम को इस अचानक से हुए दांव का पता नहीं चला और भारतीय पहलवान आसानी से जीत गया,मोहित ग्रेवाल साइप्रस के एलेक्सियोस काओस्लिडिस को हराकर 125 किग्रा फ्रीस्टाइल के सेमीफाइनल में पहुंचे लेकिन उन्हें कनाडा के अमरवीर धेसी से 2-12 से हार का सामना करना पड़ा जिससे वह रेपेशाज खेले वहीँ भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है जबकि किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। भावनाबेन पटेल महिला एकल पैरा टेबल टेनिस वर्ग 3-5 के फाइनल में पहुंच गई हैं। टेबल टेनिस में मनिका बत्रा महिला एकल क्वार्टर फाइनल में हार गईं। हालांकि, अचंता शरथ कमल सहित तीन भारतीय पुरुष टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया,और भारत को कामनवेल्थ गेम्स में अब भी बहुत सरे गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद हैं|

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