चित्रकूट : बहुचर्चित जुड़वा भाई श्रेयांश व प्रियांश के मामले में पांचों दोषियों को आजीवन कारावास
चित्रकूट के सगे जुड़वा भाई श्रेयांश व प्रियांश को अगवा कर बेरहमी से हत्या करने बहुचर्चित मामले में अदालत ने आज फैसला सुनाया है। अदालत के फैसले की खबर मिलते ही रावत परिवार ने राहत की सांस ली। कहां हमें अदालत व भगवान पर पूरा भरोसा था। कि हमारे मासूमों को छीनने वालों का यही अंजाम होना चाहिए। सभी पांचों आरोपी पद्मकांत शुक्ला, राजीव द्विवेदी, लकी तोमर को डबल आजीवन कारावास पिंटा यादव, विक्रमजीत को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है । सतना के जिला अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे) प्रदीप कुशवाहा की अदालत ने सज़ा सजा सुनाते समय रेयरेस्ट टू रेयर केस माना है, हत्यारों ने 12 फरवरी 2019 को चित्रकूट में मासूम श्रेयांश व प्रियांश को अपहरण कर मौत के घाट उतारा था । चित्रकूट के सबसे बड़े और बहुचर्चित जुड़वा भाई श्रेयांस- प्रियांश अपहरण कांड में सभी हत्यारों ने एक बद्ध होकर चलती हुई स्कूल बस से अपहरण कर लिया था और एक मोटरसाइकिल से दोनों बच्चों को लेकर भाग गए फिर नशा देकर बेहोशी की हालत में एक कमरे में बंद कर दिया था और कई दिन तक रखें रहे इसके बाद 20 लाख फिरौती वसूलने के बावजूद इन दोनों बच्चों की हत्या कर दी दिल दहला देने वाली घटना का तब खुलासा हुआ जब जंजीरों में बंधी हुई जुड़वा भाइयों की लाश बांदा जिले के यमुना नदी में पाई गई थी। यूपी और एमपी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। चित्रकूट में इस दर्दनाक घटना से पूरे जिले के लोगों में आक्रोश था और हालात बिगड़ने लगे जब लोगों का आक्रोश फूट कर सामने आने लगा लिहाजा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस ने इस बहुचर्चित मासूम अपहरण और हत्याकांड का खुलासा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया तब कहीं मामला खुल सका। रामघाट सीतापुर चित्रकूट निवासी पिता बृजेश रावत चर्चित बड़े तेल कारोबारी है, मेहनत व लगन से उन्होंने अपना कारोबार बढ़ाया था। बड़े कारोबार और पैसे पर इन मुजरिमों की नजर लग गई थी। यही पैसा देखकर मुजरिमों ने इस हत्याकांड से पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया था। सभी को इस फैसले का इंतजार था आज फैसला आने के बाद पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है। परिवार ने कहा कि हमें भगवान व अदालत पर पूरा भरोसा था कि एक दिन हमारे मासूम बच्चों को न्यायअवश्य मिलेगा ।